जिस तरह से हम अपने दिल, लीवर, किडनी और अन्य अंगों को हेल्दी रखने की कोशिश करते हैं उसी तरह हमारे दिमाग को भी हेल्दी रहने के लिए कुछ बातों की जरूरत होती हैं, नहीं तो इस दिमाग को खराब होते देर नहीं लगती. दिमाग हमारे शरीर का पावर हाउस है और शरीर के सारे फंक्शन्स दिमाग पर ही निर्भर करते हैं लेकिन अगर हम अपने दिमाग की सेहत का ख्याल नहीं रखेंगे तो हमारे इन फंक्शन्स पर भी असर पड़ेगा. हमारी कुछ खराब आदतें दिमाग पर बुरा असर डालती हैं.
कई स्टडी का मानना है कि लंबे समय तक अंधेरे में रहने से ब्रेन स्ट्रक्चर में भी बदलाव होने की संभावना बनी रहती है, जिसके कारण मेमोरी और लर्निंग एबिलिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है.
आज ही छोड़ दें ये खराब आदतें
बीमारी के समय काम करना
जरूरत से ज्यादा काम करने और बीमारी के समय भी आराम न करने की आदत आपकी दिमागी सेहत पर बुरा असर डालती है. साथ ही तनाव से भी हमारी दिमागी सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
ज्यादा मीठा खाना
ज्यादा मीठा खाने से भी हमारी दिमागी सेहत प्रवाहित होती है. खासकर रिफाइंड शुगर खाने से दिमाग और शरीर द्वारा प्रोटीन और न्यूट्रियंट्स को एब्सार्ब करने की क्षमता प्रभावित होती है. जिसके कारण कई तरह के ब्रेन डिसऑर्डर जैसे की मेमोरी लॉस, लर्निंग डिसऑर्डर, हाइपरएक्टिविटी और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. इसलिए मेंटल और फिजिकल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए कम मीठा खाना चाहिए.
जरूरत से ज्यादा एंटरटेनमेंट
वैसे तो एंटरटेनमेंट जैसे कि म्यूजिक सुनना, सोशल मीडिया पर दोस्तों से बातें करना, किसी तरह के टेलीविजन शो देखना हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए जरूरी है लेकिन जरूरत से ज्यादा एंटरटेनमेंट से भी दिमागी हालत बिगड़ती है. ऐसे में व्यक्ति को डिप्रेशन, एंग्जायटी, लो सेल्फ एस्टीम, सेल्फ हार्मिंग थॉट, अकेलापन आदि जैसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं.
बंद कमरे और कम लाइट वाली जगह पर लंबा समय बिताना
सूर्य की किरणों से हमें विटामिन डी मिलता है लेकिन अगर हम लंबे समय तक किसी अंधेरी बंद जगह पर रहें तो इससे शरीर में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है. ये हार्मोन आपके मूड को बेहतर बनाता है. डार्कनेस और अंधेरे में रहना आपके ब्रेन में मेलाटोनिन के प्रोडक्शन को भी असंतुलित कर देता है, मेलाटोनिन एक प्रकार का केमिकल है, जो आपके स्लीप पेटर्न को संतुलित रखता है.
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कई स्टडी का मानना है कि लंबे समय तक अंधेरे में रहने से ब्रेन स्ट्रक्चर में भी बदलाव होने की संभावना बनी रहती है, जिसके कारण मेमोरी और लर्निंग एबिलिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है.
गुस्से और बुरी यादों को सोचते रहना
जो लोग बात-बात पर गुस्सा करते हैं और उसको मन में दबा के रखते हैं वो लोग भी अपने दिमाग पर बुरा असर डालते हैं, साथ ही जो लोग पुरानी कड़वी यादों को समेटकर दिमाग में सोचते रहते हैं वो भी दिमागी बीमारी से परेशान रहते हैं.
कम पानी पीने की आदत
हमारे दिमाग का 90% हिस्सा पानी से बना है इसलिए अगर हम बिना पानी पीएं लंबे समय तक एयर कंडिशनिंग में बैठे रहते हैं, तो हमारी दिमाग की कोशिकाएं सिकुड जाती हैं. पानी न सिर्फ हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि हमारे ब्रेन को भी हेल्दी रखता है.
अपने ब्रेन को सही कैसे रखें
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ समीर भाटी ने बताया कि ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए व्यायाम करें. व्यायाम करने से ब्लड-प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है और मानसिक तनाव कम होता है. हेल्दी ब्रेन के लिए स्ट्रेस से दूर रहें. अपने ब्रेन को हेल्दी के लिए अपनी डाइट में आंवला, मखाने, बादाम, अखरोट, ग्रीन-टी, दूध, विटामिन-डी, विटामिन-सी और आयरन से भरपूर फूड्स शामिल करें.