टीबी और कैंसर गंभीर बीमारियां हैं। एक आंकड़े के मुताबिक जहां एक तरफ 1 करोड़ से अधिक लोग हर साल टीबी की चपेट में आते हैं। वहीं हर साल इस बीमारी से पूरी दुनिया में करीब 13 लाख लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल कैंसर का है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए और इस रोग के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें हुईं। साल 2050 तक दुनिया भर में कैंसर के मामलों में 77 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है, जिसके बाद इस बीमारी के हर साल मामले 35 मिलियन का आंकड़ा पार कर जाएंगे, जोकि चिंताजनक है।
क्या हैं टीबी और कैंसर के सामान्य लक्षण
सूखी खांसी, बलगम, खांसी के साथ खून आना, लगातार बुखार, निरंतर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, मतली, भ्रम और नींद की कमी टीबी के कुछ गंभीर लक्षण हैं। इसी तरह दर्द, खून का रिसाव, ब्लड क्लॉट, वजन कम होना, सीने में दर्द और सांस फूलना कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं। उनको अनदेखा करना मरीज को भारी पड़ सकता है।
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X-Ray देखकर AI बतायेगा बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शुरुआत में ही बीमारी का पता चल जाए तो इलाज संभव है और इस काम में AI मदद कर सकती है। हाल ही में Google AI ने अपोलो रेडियोलॉजी इंटरनेशनल के साथ मिलकर एक खास AI हेल्थ केयर सॉल्यूशन लाने की बात कही है। दावा है कि इस AI मॉडल की मदद से लोग फ्री में बीमारियों की स्क्रीनिंग कर सकेंगे।
Google AI से आसान होगा इलाज
खासतौर पर इस AI का फायदा उन इलाके के लोगों को मिलेगा, जहां रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। टीबी का पता लगाने के लिए चेस्ट एक्स-रे का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन भारत में कई इलाकों में अभी ट्रेन्ड रेडियोलॉजिस्ट नहीं है, जो आसानी से चेस्ट एक्स-रे देखकर बता सकें कि बीमारी कितनी गंभीर है। Google AI इस समस्या को हल कर सकता है। गूगल का AI, एक्स-रे देखकर बता देगा कि बीमारी किस स्तर पर है।
छोटी-बड़ी बीमारियों में AI कारगर
डायबिटीज, आंखों की रोशनी इत्यादि को चेक करने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है। तकनीक के कई मॉडल्स पहले से ही हेल्थ केयर में यूज किए जा रहे हैं। खासतौर पर बीमारी पकड़ने और मरीज का हेल्थ रिक़ॉर्ड रखने में AI काम में लाया जा रहा है। अच्छी बात ये है कि AI तकनीक के परिणाम अच्छे आ रहे हैं और लाभ मिल रहा है।