परीक्षा के समय बच्चों और किशोरों को स्ट्रेस होता है, जिसका सीधा संबंध आपकी गट हेल्थ से होता है। स्ट्रेस के कारण आपका पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है। इसी वजह से एग्जाम से पहले कुछ बच्चों, किशोरों व लोगों को पाचन संबंधी परेशानी हो जाती है।
डायटीशियन के अनुसार, जब आप स्ट्रेस में होते हैं, तो इस दौरान हार्मोन्स और न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं। यह व्यक्ति की आंतों को प्रभावित करते हैं। इससे पेट की ओर होने वाले ब्लड सर्कुलेशन में उतार-चढ़ाव होता है। जिससे ऑक्सीजन के लेवल में बदलाव होता है। यही कारण है कि बच्चों, किशोरों व वयस्को को पेट में गुड़गुड़, पेट खराब होना, पेट में ऐंठन व पेट दर्द की समस्या हो जाती है। यह समस्या कुछ समय के लिए रहती है, जो एग्जाम के बाद अपने-आप ठीक हो जाती है। इस दौरान स्ट्रेस को दूर कर आप पेट व पाचन संबंधी समस्याओं को कम कर सकते हैं।
एक्जाम से पहले पेट खराब होने के कारण
शारीरिक गतिविधि का अभाव
परीक्षा के समय एक जगह पढ़ाई करते हुए घंटों बीत जाते हैं। ऐसे में शारीरिक गतिविधियों में कमी आ जाती है। जिस वजह से पाचन तंत्र बाधित हो जाता है। ऐसे में पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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नींद की कमी
परीक्षा का ज्यादातर समय सिलेबस को पूरा करने में ही बीत जाता है। ऐसे में कई बार रात में पढ़ाई करते समय नींद पूरी नहीं हो पाती है। यह पाचन एंजाइम और हार्मोन को प्रभावित करते हैं।
खाने की गलत आदत
एग्जाम के समय लोगों का पूरा ध्यान केवल पढ़ाई में ही होता है। ऐसे में कई बार घर से बाहर रहने वाले स्नैक्स व कुछ अनहेल्दी खाना खा लेते हैं। जिसकी वजह से उनको एग्जाम से पहले पेट से संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पानी की कमी
एग्जाम से पहले डिहाइड्रेशन भी एक बहुत बड़ा कारण है। पानी कम पीने की वजह से भी पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। पानी की कम होने से कब्ज, गैस, पेट में ऐंठन और बैचेनी होती है।