मेटाबोलिक एसिडोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसके होने पर ब्लड में बहुत अधिक एसिड बनने लगता है। यह स्थिति क्रोनिक किडनी डिजीज वाले लोगों में काफी आम है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर हो सकती है। इसलिए इसका इलाज बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं मेटाबोलिक एसिडोसिस क्या है, इसके लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं।
क्या है मेटाबॉलिक एसिडोसिस?
मेटाबोलिक एसिडोसिस वह स्थिति है, जिसमें आपके ब्लड में बहुत अधिक एसिड बनने लगता है। यह स्थिति तब हो सकती है, जब आपका शरीर बहुत अधिक एसिड बनाता है, रक्त से पर्याप्त एसिड नहीं निकाल पाता है या दोनों ही स्थितियों में ऐसा हो सकता है। क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित लोगों को मेटाबोलिक एसिडोसिस का खतरा अधिक होता है।
मेटाबॉलिक एसिडोसिस में दिखने वाले लक्षण
मेटाबॉलिक एसिडोसिस के लक्षण हर व्यक्ति में एक जैसे नजर नहीं आते हैं। हर व्यक्ति में इसके संकेत अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में –
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- सांस लेने में बदलाव (सांस धीमी, गहरी और कठिन हो जाती है)
- दिल की धड़कनें काफी तेज होना
- भ्रम की स्थिति
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- भूख में कमी
- कमज़ोरी महसूस करना
- बहुत अधिक थकान होना
हल्के मामलों में या यदि एसिडोसिस धीरे-धीरे विकसित होता है तो कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं।
क्या हैं मेटाबॉलिक एसिडोसिस के कारण?
किडनी की बीमारी मेटाबोलिक एसिडोसिस के सबसे आम कारणों में से एक है। इसमें सीकेडी और तीव्र किडनी डैमेज शामिल हैं। कुछ स्थितियों में इसके होने के जोखिम बढ़ सकते हैं, जैसे –
- धूम्रपान
- एनीमिया
- डिहाइड्रेशन
- काफी दस्त होना
- लैक्टिक एसिडोसिस
- एस्पिरिन की अधिक मात्रा
- मधुमेह से संबंधित केटोएसिडोसिस
- हाइपरकेलेमिया (पोटैशियम का स्तर ज्यादा होना) इत्यादि।