वीगन डाइट में पशु या उनके जरिए आने वाले प्रोडक्ट्स नहीं खाए जाते हैं. इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध-दही, मठ्ठा, मक्खन, पनीर, शहद, अंडे और मांस जैसी चीजें शामिल हैं. इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं.
एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों वाली हल्दी बेहद फायदेमंद है. आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताए गए हैं. हल्दी के रोजाना सेवन से गले का दर्द और बुखार जैसी बीमारियों से राहत मिल सकती है. रात में हल्दी और दूध पीना लाभकारी हो सकता है.
वीगन डाइट में पशु या उनके जरिए आने वाले प्रोडक्ट्स नहीं खाए जाते हैं. इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध-दही, मठ्ठा, मक्खन, पनीर, शहद, अंडे और मांस जैसी चीजें शामिल हैं. इस डाइट में सिर्फ और सिर्फ फलीदार पौधे, सब्जियां, फल, अनाज, बीज, नट्स और ड्राई फ्रूट्स ही होते हैं. बहुत से लोग इसे वेजिटेरियन डाइट भी कहते हैं लेकिन यह वेजिटेरियन डाइट से भी काफी ज्यादा आगे है.
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हर डाइट की तरह वीगन डाइट के भी एक तरह जहां फायदे हैं तो वहीं रिसर्च के मुताबिक, वीगन डाइट लेने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. इससे हार्ट हेल्दी रहता है. दरअसल, ज्यादातर फैट हेल्दी सोर्स नारियल, फलियां, एवोकैडो होते हैं. एनिमल और डेयरी प्रोडक्ट्स से ज्यादातर फैट बैड कोलेस्ट्रॉल बन जाता है. वीगन डाइट में इनका इस्तेमाल ही नहीं होता है. इस तरह दिल की सेहत दुरुस्त बनी रहती है.
कई रिसर्च में साबित हुआ है कि जो लोग वीगन डाइट फॉलो करते हैं, उनमें कोलेस्ट्रॉल लेवल कम रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर का खतरा नहीं रहता है. डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी यह डाइट काफी अच्छी मानी जाती है.
वीगन डाइट वजन कम करने में मददगार होती है. बहुत से लोग वेट लॉस के लिए इसे फॉलो करते हैं. दरअसल, वीगन डाइट में कई ऐसी चीजें आहार से बाहर हो जाती हैं, जो फैट को बढ़ाती हैं इसलिए वीगन डाइट वेट लॉस के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है.
वीगन डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स बाकी चीजों से कहीं ज्यादा मिलता है. जो खराब फूड्स और प्रदूषण से शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स से सेल्स की सुरक्षा करते हैं. इससे प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर जैसे कई कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है.