केंद्र सरकार जल्द ही एक नया फैसला करने की तैयारी में है, जिसमें खांसी-जुकाम और बुखार जैसी साधारण दवाओं की बिक्री के लिए किसी तरह के मेडिकल लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए सरकार Over The Counter दवा नीति लाने पर विचार कर रही है। जिसके लिए सरकार ने एक समिति का गठन भी कर दिया है, जो इस फैसले के संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।
क्या है OTC नीति?
OTC (Over the Counter) ऐसी दवाओं के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्हें बेचने के लिए किसी तरह के डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता नहीं होती है। अर्थात ये दवाएं बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के भी बाजार में आसानी से उपलब्ध होती हैं। कई विकसित देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में यह नीति काफी समय पहले से ही लागू है। वहीं भारत सरकार भी अब इस नीति को लागू करने की तैयारी में है। इस नीति के लिए बनाई गई समिति को कई तरह के सुझाव भी मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक नीति का कोई मसौदा सामने नहीं आ सका है।
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क्यों बनाई जा रही ये नीति?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार इस नीति को बनाने के पीछे ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखना चाहती है, जहां मेडिकल की सुविधाएं आवश्यकता के अनुरूप नहीं हो सकी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रामीण इलाके में डॉक्टर्स और मरीजों का अनुपात काफी अधिक है। जिसके चलते लोग साधारण समस्याओं जैसे खांसी-जुकाम आदि की दवाओं को भी आसानी से प्राप्त नहीं कर पाते। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए सरकार लोगों के लिए OTC नीति बनाने जा रही है।
कब तक बन जायेगा नियम?
इस साल फरवरी माह में स्वास्थ्य महानिदेशक अतुल गोयल ने हेल्थ एक्सपर्ट की एक कमेटी गठित की। जिसे OTC नीति को तैयार करने का काम सौंपा गया था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो समिति ने अपना एक ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया है। जिसमें ऐसी दवाओं की लिस्ट है जिसे OTC सूची में शामिल किया जा सके। यदि सब कुछ सही रहा तो साल 2024 के अंत तक ये नियम बनकर तैयार हो सकता है।