दिन-प्रतिदिन महंगे होते इलाज के दौर में बिहार समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। इस प्राइवेट हॉस्पिटल में समाज के हाशिए पर स्थित गरीब लोगों को हार्ट की सर्जरी समेत कई जटिल बीमारियों की नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है।
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यह अस्पताल है नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जो बिहार के रोहतास जिले में स्थित है। 25 एकड़ से ज्यादा में बने इस संस्थान के परिसर में सैकड़ों विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई का मौका मिल रहा है, साथ ही हजारों-लाखों लोगों को सहजता से इलाज उपलब्ध हो रहा है। इसके लिए परिसर में 1,150 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया है, जिसमें पूर्वांचल के सबसे अच्छे डॉक्टरों के द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है। त्रिविक्रम नारायण सिंह मैनेजिंग डायरेक्टर गोपाल नारायण कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी और गोविंद नारायण सिंह सेक्रेटरी गोपाल नारायण सिंह यूनिवर्सिटी ने इस बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
गरीबों के लिए नि:शुल्क हार्ट सर्जरी
इस अस्पताल में गरीब लोगों के लिए हार्ट की सर्जरी नि:शुल्क उपलब्ध है। यह भारत के उन चुनिंदा अस्पतालों में एक है, जो खास तौर पर बच्चों की दिल की बीमारियों के इलाज के लिए समर्पित है। इस अस्पताल में दर्जनों बच्चों को फ्री हार्ट सर्जरी का लाभ मिल चुका है। अस्पताल में नि:शुल्क हार्ट सर्जरी की सुविधा का लाभ NGO की मदद से मुहैया कराया जाता है। इस अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी भी नि:शुल्क इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
नि:शुल्क सिजेरियन सुविधा भी उपलब्ध
नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में नि:शुल्क नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा दी जा रही है। इसमें मरीजों को सिर्फ दवा के खर्च का बोझ उठाना पड़ता है। इसी तरह अस्पताल में अपेंडिक्स, हर्निया, पित्त की थैली, बवासीर, भगंदर, स्तन की गांठ आदि का नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाता है। यह हॉस्पिटल महज 8 हजार रुपये में एंजियोग्राफी और मात्र 1 लाख रुपये में एंजियोप्लास्टी की भी सुविधा दे रहा है।
क्या है लोकेशन
इस तरह बिहार का यह प्राइवेट हॉस्पिटल करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन चुका है, जहां गरीब से गरीब इंसान खर्च की परवाह किए बिना बेहतर इलाज पा सकता है। इस हॉस्पिटल का लोकेशन ऐसा है कि रोहतास के अलावा बिहार के कैमूर, औरंगाबाद और भोजपुर जैसे जिले और झारखंड के गरवा और पलामू जैसे जिलों के लोगों के लिए यहां पहुंचना बहुत आसान है।
कैसे हुई इसकी शुरुआत
इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की शुरुआत श्री गोपाल नारायण सिंह ने की है। श्री गोपाल नारायण सिंह बताते हैं कि उन्होंने इस मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल को अपने स्वर्गीय पिता नारायण सिंह व स्वर्गीय माता मंगला देवी के सपनों को पूरा करने के लिए शुरू किया है। उनके माता-पिता का सपना था कि रोहतास जिले के पिछड़े व गरीब लोगों के लिए इलाज की अच्छी सुविधा होनी चाहिए। उनके सपने को पूरा करने के लिए श्री गोपाल नारायण सिंह ने देव मंगल मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट ने गरीब से गरीब लोगों को समुचित इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ नारायण चिकित्सालय का संचालन शुरू किया।
धीरे-धीरे बढ़ रही लोकप्रियता
अस्पताल धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय होता गया, तब उसके साथ-साथ मेडिकल कॉलेज शुरू करने का भी लक्ष्य तय किया गया। समय के साथ नारायण चिकित्सालय ने विस्तार किया और नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का रूप ले लिया। इस मेडिकल कॉलेज को अकादमिक वर्ष 2008-09 में एमबीबीएस की 100 सीटों की मंजूरी मिली। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सुझाव पर एमबीबीएस की सीटें 2018 से बढ़ाकर 150 कर दी गई हैं।