Gas and Acidity: पेट की गैस और एसिडिटी अलग-अलग हैं दोनों, जानिए फर्क और उपाय


Difference Between Gas And Acidity: पेट की गैस और एसिडिटी अक्सर एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनके बीच बड़ा फर्क है. दोनों अलग-अलग कारणों की वजह से होते हैं, इसलिए दोनों में फर्क समझना बहुत जरूरी है ताकि सही इलाज किया जा सके और जल्दी आराम मिल सके. गैस आमतौर पर तब बनती है, जब डाइजेशन स्लो हो जाता है. खाना देर से पचता है तो आंतों में हवा भर जाती है और पेट फूलने या भारीपन का एहसास होता है.
इसके साथ ज्यादा डकारें भी आ सकती हैं. कब्ज, जल्दी-जल्दी खाना, दिन में बार-बार चाय पीना या दाल, गोभी, चना जैसी चीजें खाने से गैस और बढ़ जाती है. स्ट्रेस भी पाचन को धीमा कर देता है और गैस बनाता है. आयुर्वेद में इसे वात का बढ़ना कहा गया है. गैस कम करने के लिए हल्दी, अजवाइन और सौंठ काफी फायदेमंद माने गए हैं.
एसिडिटी भगाने के तरीके | Difference Between Gas And Acidity
वहीं, एसिडिटी में पेट के ऊपरी हिस्से में जलन महसूस होती है. सीने में जलन, मुंह में खट्टा स्वाद और खाना ऊपर की ओर लौटने जैसा अहसास एसिडिटी के लक्षण हैं. मसालेदार या ज्यादा ऑयली फूड, देर रात खाना, ज्यादा चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक पीना इसे बढ़ा देता है. आयुर्वेद में इसे पित्त का असंतुलन माना गया है. नारियल पानी और सौंफ पीने से राहत मिलती है. ठंडा दूध और गुड़ भी एसिडिटी कम करने में मददगार हैं. हल्का भोजन करना और समय पर खाना खाना भी पेट को आराम देता है.
इनके बीच का फर्क | Difference Between Gas And Acidity
गैस और एसिडिटी में फर्क समझने का सबसे आसान तरीका है कि गैस में पेट के निचले हिस्से में भारीपन और डकारें अधिक होती हैं, जबकि एसिडिटी में सीने और पेट के ऊपरी हिस्से में जलन और खट्टा स्वाद महसूस होता है. आयुर्वेद में दोनों की वजह और उपाय अलग-अलग बताए गए हैं. इसलिए सही इलाज के लिए पहले पहचान जरूरी है. गैस के लिए हल्दी, अजवाइन और सौंठ से चाय या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. कब्ज होने पर दिन में पानी ज्यादा पिएं और हल्का भोजन करें. एसिडिटी में नारियल पानी, सौंफ, ठंडा दूध और गुड़ खाने से फायदा होता है. मसालेदार और ऑयली फूड कम करें, और दिन में छोटे-छोटे भोजन करें.





