इंसुलिन रेसिस्टेंस यानी इंसुलिन के प्रति विरोध उतपन्न हो जाना। यह टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है। यह डायबिटीज का फर्स्ट स्टेज है। इसके कारण हार्मोन कम प्रभावी हो जाता है। वसा और मांसपेशियों की कोशिकाओं को ग्लूकोज लेने और लिवर को इसे संग्रह करने के लिए अधिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया क्यों नहीं कर पाता है, यह अभी भी एक रहस्य है। शरीर को इंसुलिन के प्रति कम रेसिस्टेंस बनाया जा सकता है। कई हर्ब से तैयार चाय इन्सुलिन रेसिस्टेंस को कम कर सकते हैं। इससे टाइप 2 डायबिटीज को रोकने या देरी करने में मदद मिल सकती है।
इंसुलिन प्रतिरोध का जोखिम बढ़ाता है ये समस्याएं
ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने के अलावा इंसुलिन की शरीर में अन्य भूमिका भी हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इंसुलिन प्रतिरोध हृदय रोग से भी जुड़ा हुआ है। शुरुआत में कई जीन की पहचान की गई, जो किसी व्यक्ति को इस स्थिति के विकसित होने की कम या ज्यादा संभावना बनाते हैं।
वृद्ध लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध होने की संभावना अधिक होती है। जीवनशैली भी इसमें भूमिका निभा सकती है। गतिहीन, अधिक वजन या मोटापे से इंसुलिन प्रतिरोध का जोखिम बढ़ जाता है। कुछ शोधकर्ता अतिरिक्त वसा ऊतक सूजन, शारीरिक तनाव या कोशिकाओं में अन्य परिवर्तन इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकते हैं।
कैसे कम करें इन्सुलिन रेसिस्टेंस
- फिजिकल रूप से एक्टिव होने पर इंसुलिन प्रतिरोध से निपटा जा सकता है। व्यायाम करने से स्मॉल और लॉन्ग टर्म दोनों में इंसुलिन प्रतिरोध में कमी आ सकती है।
- वजन घटाने से भी इंसुलिन प्रतिरोध में कमी आ सकती है।
- इंसुलिन रेसिस्टेंस के उपचार के लिए डॉक्टर कोई विशेष दवा नहीं देते हैं।
इन्सुलिन रेसिस्टेंस को मैनेज करने में ये चाय उपयोगी
1.ग्रीन टी
ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करती है, खासतौर पर मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए। नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से सेलुलर क्षति कम हो सकती है, सूजन कम हो सकती है। ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। ग्रीन टी में बायोएक्टिव कंपाउंड एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (EGCG) की उल्लेखनीय मात्रा होती है।
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यह मांसपेशियों की कोशिकाओं में ग्लूकोज के अवशोषण को ट्रिगर कर सकती है। इससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। ग्रीन टी पीने से फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर लेवल और HbA1C लेवल में कमी आ सकती है। इन्सुलिन रेसिस्टेंस को कम करने के लिए प्रतिदिन 2-3 कप ग्रीन टी पीने की सलाह दी जाती है।
कैसे तैयार करें चाय : उबलते हुए एक कप पानी में एक टी स्पून ग्रीन टी डाल दें। धीमी आंच पर 5 मिनट उबालें। छानकर चाय पी लें।
2.डंडेलियन रूट टी
डंडेलियन रूट टी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह लिपिड मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने की क्षमता वाला होता है। ये दोनों कारण डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए प्रभावी हैं। यह लीवर के स्वास्थ्य को भी ठीक कर सकता है, जो ग्लूकोज रेगुलेशन के लिए महत्वपूर्ण अंग है।
कैसे तैयार करें चाय : उबलते हुए एक कप पानी में हाफ टी स्पून डंडेलियन रूट पाउडर डाल दें। धीमी आंच पर 5 मिनट उबालें। डंडेलियन रूट पाउडर की बजाय ताजे डंडेलियन रूट का भी प्रयोग किया जा सकता है।
3.मेथी की चाय
मेथी में घुलनशील फाइबर होता है। यह कार्बोहाइड्रेट और चीनी के अवशोषण को धीमा कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। मेथी को गर्म पानी में भिगोकर मेथी की चाय बनाई जा सकती है। इस लाभकारी हर्ब को अपनी दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है।
कैसे तैयार करें चाय : उबलते हुए एक कप पानी में एक टी स्पून मेथी डाल दें। धीमी आंच पर 5 मिनट उबालें। मेथी की बजाय मेथी पाउडर का भी प्रयोग किया जा सकता है।