Sleeping Snoring: गंभीर बीमारी का संकेत है तेज खर्राटे, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का लक्षण


Sleeping Snoring: सामान्य तौर पर खर्राटे लेना आम बात मानी जाती है। थकान की वजह से आम तौर पर खर्राटे आते हैं। लेकिन प्रतिदिन तेज खर्राटे लेना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी गंभीर रोग का कारण भी बन सकता है। हालांकि यह भी ध्यान रखें कि हर खर्राटा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया नहीं होता है। खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की सही जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि बीमारी गंभीर है या नहीं और वह किन कारणों से खर्राटे ले रहा है।
नींद संबंधी विकार है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया | Sleeping Snoring
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक नींद संबंधी विकार है। इसमें तेज आवाज वाले खर्राटे आते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि नींद के दौरान गले के पीछे की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे वायु मार्ग संकरा हो जाता है या पूरी तरह बंद हो जाता है। इससे मरीज को सोते समय बार-बार सांस रुकने और शुरू हो जाने जैसा महसूस होता है। कई बार मरीज नींद से उठकर हांफने लगता है। इसके अलावा ज्यादा नींद आना, थकावट, सिर दर्द रहना, मुंह सूखना, रात में बार-बार पेशाब आना, चिड़चिड़ापन, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
सेहत और जीवनशैली से जुड़े संकेत है आपके खर्राटे | Sleeping Snoring
आम तौर पर अधिक वजन वाले लोगों में खर्राटों की समस्या होती है। गर्दन के आसपास अतिरिक्त फैट वायु मार्ग को संकरा कर सकता है। जो लोग अत्यधिक धूम्रपान करते हैं, उन्हें खर्राटे आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि धूम्रपान गले और फेफड़ों में सूजन पैदा करता है, जिससे वायु मार्ग अवरुद्ध हो सकता है। चिकित्सकों का मानना है कि अल्कोहल का सेवन मांसपेशियों को ढीला कर देता है, जिससे गले की मांसपेशियां भी शिथिल हो जाती हैं और वायु मार्ग संकरा हो जाता है। नतीजतन तेज खर्राटे आते हैं।
यही नहीं, साइनस की परेशानी, अवसाद, गर्भावस्था, सर्दी-जुकाम या एलर्जी जैसी स्थितियां भी खर्राटों को बढ़ावा देती हैं। नींद के दौरान पीठ के बल सोना और आनुवंशिक कारण भी इस समस्या के अहम कारक माने जाते हैं। खर्राटे केवल नींद की आदत नहीं, बल्कि सेहत और जीवनशैली से जुड़े संकेत हैं। अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम की नली के संकरी हो जाने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई में कमी से फेफड़ों और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और इन अंगों पर दबाव बढ़ने लगता है, जिसके कारण हार्ट फेलियर, लंग्स फेल होने और ब्रेन डेड का खतरा बढ़ जाता है।

कुछ जरूरी उपाय | Sleeping Snoring
चिकित्सकों के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव करके सामान्य खर्राटों की समस्या से निजात पाई जा सकती है। अगर आपको अवसाद या तनाव है तो योग या मेडिटेशन करके इससे निजात पा सकते हैं। अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। कोशिश करें कि गुनगुने पानी का सेवन करें। इससे सूजन कम होती है। साथ ही रात को सोने से पहले अपने कमरे में ह्यूमिडिफायर रख लें। यह गले और नाक को सूखेपन से बचाएगा, जिससे वायु मार्ग खुला रहेगा। अगर वजन अधिक है तो उसे कम करने का प्रयास करें। धूम्रपान और अल्कोहल की लत हो गई है तो तत्काल छोड़ दें, क्योंकि ये गले में सूजन को ट्रिगर करते हैं। रात को सोने से पहले हर्बल चाय में शहद डालकर पीने से राहत मिल सकती है। पीठ के बल लेटने से अधिक खर्राटे आते हैं, इसलिए करवट लेकर सोने की कोशिश करें।
अगर आती है दिन में अत्यधिक नींद | Sleeping Snoring
सभी खर्राटे खतरनाक नहीं होते, लेकिन यदि आपको दिन में अत्यधिक नींद आती है या नींद आने में बेचैनी होती है तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इस विकार में सांस अवरुद्ध होने से ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाना, बैठे-बैठे या गाड़ी चलाते समय बार-बार झपकी आना शामिल है। अनियंत्रित रक्तचाप, पैरों में सूजन होना भी इसके लक्षण हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के निदान के लिए स्लीप लैब में पॉलीसोम्नोग्राफी नामक स्लीप स्टडी की जाती है। इसमें रातभर शरीर से विभिन्न सेंसर जोड़े जाते हैं, जो मस्तिष्क तरंगों, आंखों की गतिविधियों, मांसपेशियों की टोन, हृदय गति, रक्त, ऑक्सीजन और सांस के पैटर्न की निगरानी करते हैं। यह डाटा स्लीप ऑब्सट्रक्टिव एपनिया से संबंधित रुकावटों और नींद की गुणवत्ता का आकलन करने में मदद करता है। नाक के बंद वायु मार्ग को खोलने के लिए मास्क या नेजल कैनुला के साथ पॉजिटिव एयरवे प्रेशर दिया जाता है।





