पिछले कुछ दिनों से देश में मंकी फीवर का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कई राज्यों में इस संक्रामक बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में मंकी फीवर के कई मामले सामने आये हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक इस वायरस के कुल 49 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। इनमें से कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में अब तक सबसे ज्यादा 34 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, कर्नाटक में मंकी फीवर से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। कर्नाटक के अलावा, महाराष्ट्र और गोवा में भी इस वायरस के मामले रिपोर्ट किये गए हैं। इस वायरस के बढ़ते मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने इससे निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं।
क्या है मंकी फीवर?
मंकी फीवर को क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (KFD) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में संक्रमित हो सकती है। बंदरों के शरीर में पाए जाने वाले टिक्स (किलनी) के काटने से यह बीमारी इंसानों में फैल सकती है। मंकी फीवर मनुष्यों के लिए जानलेवा भी हो सकता है। समय रहते इलाज न लेने से मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है।
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मंकी फीवर के लक्षण
- दस्त
- उल्टी
- थकान
- सिर में तेज दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द
- अचानक बुखार आना
- आंखों में दर्द या सूजन
- नाक और मसूड़ों से खून आना
मंकी फीवर से बचाव के उपाय
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंकी फीवर के लिए कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। हालांकि, लक्षणों की पहचानकर करके इसके जोखिमों को कम किया जा सा सकता है। मंकी फीवर के लक्षण दिखाई देने पर मरीज को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बुखार से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। मंकी फीवर के लिए एक वैक्सीन भी मौजूद है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सकता है।