बच्चेदानी यानी गर्भाशय महिलाओं के शरीर का एक अहम अंग है। इसी के जरिए एक महिला कंसीव कर पाती है। यह भ्रूण को पोषण देने के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन आजकल महिलाओं में बच्चेदानी से जुड़ी कई तरह की समस्याएं देखी जाती हैं। इसमें बच्चेदानी का खिसकना भी शामिल है। मेडिकल भाषा में इसे यूट्राइन प्रोलैप्स कहा जाता है। यह समस्या 40 से 70 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक देखी जाती है। हालांकि, आजकल कम उम्र में भी बच्चेदानी खिसकने की समस्या देखने को मिलती है।
दरअसल, पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों और ऊतकों के कमजोर होने के कारण बच्चेदानी अपनी जगह से खिसक कर नीचे की ओर आने लगती है। इसके कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में महिलाएं पेशाब नहीं रोक पाती हैं। साथ ही, उन्हें अक्सर गैस, ब्लोटिंग और कब्ज की शिकायत रहती है। इसके अलावा भी अन्य कई लक्षण हैं, जो बच्चेदानी खिसकने पर महिलाओं के शरीर में नजर आते हैं।
बच्चेदानी खिसकने पर इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
खांसने या हंसने पर पेशाब लीक कर जाना
खांसते, छींकते या हंसते समय पेशाब निकल जाना बच्चेदानी के खिसकने का एक लक्षण हो सकता है। दरअसल, जब बच्चेदानी बाहर खिसकने लगती है, तो इससे ब्लैडर पर दबाव पड़ता है। इससे महिलाओं को पेशाब रोकने में समस्या होती है। इसके अलावा, पेशाब करने के बाद भी ब्लैडर में भारीपन महसूस हो सकता है। अगर आपको भी इस तरह की परेशानी महसूस हो रही है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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कमर में दर्द रहना
बच्चेदानी खिसकने पर कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। दरअसल, जब बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है, तो शरीर के निचले अंगों का कार्य प्रभावित होता है। इससे कमर में काफी ज्यादा दर्द बना रहता है। अगर आपको भी इस तरह के परेशानी महसूस हो रही है, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लें।
ब्लोटिंग की समस्या होना
लंबे समय तक ब्लोटिंग की समस्या रहना भी बच्चेदानी खिसकने का एक लक्षण हो सकता है। दरअसल, जब बच्चेदानी खिसकती है, तो निचले अंगों पर दबाव पड़ता है। इसके कारण पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या बढ़ जाती है। अगर आपको भी इस तरह का लक्षण महसूस हो रहा है, तो एक बार डॉक्टर से चेकअप करवा लेना चाहिए।
वजन बढ़ना
शरीर का वजन बिना वजह तेजी से बढ़ना भी बच्चेदानी खिसकने की ओर इशारा करता है। दरअसल, जब बच्चेदानी बाहर आने लगती है, तो डाइजेशन और मेटाबॉलिक रेट धीमा हो जाता है। इसके कारण वजन बढ़ने लगता है और बैली फैट भी निकलने लगता है। अगर आपको भी इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
सेक्स के दौरान दर्द होना
बच्चेदानी खिसकने पर अक्सर महिलाओं को सेक्स के दौरान काफी दर्द महसूस हो सकता है। खासकर, अगर आपको मेनोपॉज के बाद भी सेक्स के दौरान हमेशा दर्द महसूस होता है, तो यह बच्चेदानी खिसकने का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।