हमारी स्किन में होने वाली कई प्रकार के ऐसी बीमारियां हैं, जो न ही सिर्फ फिजिकल हेल्थ खराब करती हैं, बल्कि इससे आपकी मेंटल हेल्थ भी खराब होती है। क्योंकि कुछ स्किन डिजीज ऐसी हैं, जिनके कारण मरीज का आत्मविश्वास कम होने लगता है और ऐसे लोगों में डिप्रेशन व चिंता जैसे मानसिक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। सोरायसिस और एक्जिमा भी ऐसी ही स्किन बीमारियां हैं, जो आपकी त्वचा और दूसरी फिजिकल हेल्थ को तो नुकसान पहुंचाती ही हैं। साथ ही इन बीमारियों से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी कम होने लगता है।
वैसे इन बीमारियों के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे मरीज अपना खोया हुआ आत्म विश्वास भी वापस पा सकते हैं। बस इन बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए इनसे जुड़ी जानकारी होना जरूरी है। जानकारी के अभाव के कारण लोग इन बीमारियों की सही से पहचान भी नहीं कर पाते हैं। काफी लोग सोरायसिस को एक्जिमा और एक्जिमा को सोरायसिस समझ लेते हैं।
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सोरायसिस और एक्जिमा में अंतर
यह बात सच है कि सोरायसिस और एक्जिमा दोनों ही के लक्षण एक दूसरे से काफी मिलते जुलते हैं और ये दोनों ही स्किन डिजीज भी हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इन दोनों बीमारियों में कोई अंतर नहीं है। इन दोनों ही बीमारियों के बीच के अंतर की बात करें तो सोरायसिसम में त्वचा पर पड़ने वाले चकत्तों में खुजली काफी कम होती है, लेकिन उनमें काफी जलन रहती है। वहीं एक्जिमा के कारण पड़े स्किन पर निशानों में तीव्र खुजली होती है और वहीं जलन काफी कम होती है।
अलग-अलग जगह होते हैं विकसित
एक्जिमा और सोरायसिस स्किन के किसी भी हिस्से पर हो सकती है। लेकिन देखा गया है कि एक्जिमा जोड़ आदि में बनने वाली त्वचा की तह में होती है, जैसे कोहनी के पीछे, घुटने के पीछे और कांख आदि में। वहीं सोरायसिस बाहरी त्वचा में विकसित होता है जैसे कोहनी व घुटने के बाहरी हिस्से की त्वचा में। इन दोनों ही बीमारियों की सही पहचान करना जरूरी है, ताकि सही दवाएं लेकर इनसे हो रही परेशानियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए।
सोरायसिस और एक्जिमा का इलाज
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून स्किन डिजीज है और इसलिए इसके इलाज में आमतौर पर इम्यूनोसप्रासांट्स दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कंट्रोल करके लक्षणों को बढ़ने से रोकती है। वहीं एक्जिमा एक ऐसी स्किन डिजीज है, जिसके लक्षण आमतौर पर ट्रिगर से बढ़ते हैं और एक्जिमा के कुछ मामले एलर्जी से संबंधित हो सकते हैं। इसलिए एक्जिमा का इलाज आमतौर पर इसके कारण के अनुसार ही किया जाता है।