किसी भी प्रकार की कोई बीमारी हो तो उसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको पूरी जानकारी नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में आपको स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं और सिर्फ इतना ही नहीं कई बार लोगों की मृत्यु तक हो जाती है।
इसी तरह अगर धमनियों में कोई रुकावट आ जाये और शीघ्र ही धमनियों में आई रुकावट को दूर नहीं किया जाता है तो हार्ट का वह हिस्सा कमजोर होने लगता है। इससे हृदय कमजोर होकर अपनी संकुचन क्षमता खोने लगता है। इस तरह रोगी की हालत गंभीर होने लगती है और कई बार तो इससे मृत्यु तक हो जाती है।
लक्षण
- छाती में दर्द (लगातार 15 मिनट से ज्यादा समय तक)
- जलन व भारीपन, जकड़न या दबाव
- कंधों व बाजुओं में दर्द
- कमर, जबड़े या गले में दर्द का जाना
- सांस लेने में परेशानी
- एकदम से पसीने आ जाना
- जी घबराना
- चक्कर आना
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भ्रम- कोलेस्ट्रॉल घटाने की दवा लेते हैं तो कुछ भी खा सकते हैं
सत्य- ये दवाएं उन प्रक्रियाओं को धीमा करती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बनाती हैं। दवा के साथ आहार में सैचुरेटेड फैट लेते हैं तो शरीर को कोलेस्ट्रॉल मिलता रहता है, दवा प्रभावी नहीं रह पाती।
भ्रम- हृदय रोग में कार्य क्षमता कम और ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी चाहिए!
सत्य- गतिहीन होने से पैरों की नसों में रक्त के थक्के जमा हो सकते हैं एवं शारीरिक शिथिलता आ सकती है। गतिशीलता से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं।
भ्रम- विटामिन लेने से हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।
सत्य- शरीर के लिए जरूरी विटामिन सामान्यत: भोजन से प्राप्त हो जाते हैं। शोध से यह पता चलता है कि विटामिन (एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन ई, सी) हृदय रोगों के खतरे को कम नहीं करते। – डॉक्टर हेमंत चतुर्वेदी, हृदय रोग विशेषज्ञ , जयपुर