स्किन पर दाग-धब्बे और डार्क स्पॉट्स अक्सर होते रहते हैं। इनके कई कारण होते हैं। हाइपरपिंगमेंटेश स्किन से जुड़ी हुई एक स्थिति है जिसमें चेहरे की त्वचा का रंग कहीं-कहीं से गहरा और डार्क दिखायी देने लगती है। इससे स्किन पर निशान और मार्क्स बन जाते हैं। गर्मियों में स्किन टैनिंग की समस्या होने के साथ-साथ पिंगमेंटेशन की समस्या बढ़ सकती है। हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या के क्या कारण है और इससे आराम के उपाय क्या है?
वैसे हाइपर पिंगमेंटेशन की समस्या बहुत कॉमन है लेकिन, अगर यह बहुत समय तक बनी रहे तो इससे आपकी स्किन को डैमेज हो सकती है। पिगमेंटेशन की समस्या चेहरे के किसी एक हिस्से से शुरू होती है और धीरे-धीरे यह पूरे चेहरे पर फैलने लगती है। इससे आपकी स्किन खराब होने लगती है।
हाइपर पिगमेंटेशन के कारण
स्किन पिंगमेंटेशन एक कॉमन स्किन प्रॉब्लम है, जो स्किन टैनिंग से जुड़ी हुई है। जो लोग बहुत लंबे समय तक धूप में रहते हैं, उनकी स्किन भी का रंग बदलने लगता है। पिगमेंटेशन की समस्या शरीर में मेलेनिन का लेवल बढ़ने लगता है इससे भी पिंगमेंटेशन की समस्या होने लगती है। इसके अलावा पिगमेंटेशन के ये भी कारण हैं –
कभी-कभी स्किन पर किसी तरह की चोट या घाव हो जाने के बाद लोगों को हाइपरपिंगमेंटेशन की समस्या हो सकती है।
स्किन केयर के कुछ प्रॉडक्ट्स के रिएक्शन्स के कारण भी हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है।
हाइपर पिंगमेंटेशन से बचाव के उपाय क्या है?
- कभी भी धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
- धूप के समय (12-4) बाहर ना निकलें।
- धूप में निकलने पर अपने चेहरे को दुपट्टे या स्कार्फ से कवर करके रखें।
- स्किन डिजिजेज या किसी भी त्वचा से जुड़ी समस्यासे राहत के लिए कोई भी दवा खाने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।
- स्किन केयर प्रोडक्टस का इस्तेमाल करने से पहले डर्मटॉलजिस्ट से परामर्श जरूर लें ।