राजस्थान की राजधानी जयपुर में 23 महीने के एक बच्चे को दुर्लभ बीमारी से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये का इंजेक्शन लगाया गया है। बच्चे का नाम हृदयांश है और उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में यह इंजेक्शन लगाया गया। हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था। इस बीमारी के कारण उसकी मांसपेशियां कमजोर हो रही थीं।
हृदयांश को “Zol Genesma injection” लगाया गया
अस्पताल के रेयर डिजीज यूनिट के डॉक्टर प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने हृदयांश को “जोल जनेस्मा” नाम का इंजेक्शन लगाया। यह इंजेक्शन अमेरिका से मंगवाया गया था और इसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपये है। हृदयांश के माता-पिता निर्मेश शर्मा और शामा को इस बीमारी के बारे में तब पता चला, जब हृदयांश छह महीने का था।
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इसके बाद उन्होंने इलाज के लिए काफी दौड़ भाग की। हृदयांश के इलाज के लिए उसके परिवार ने सोशल मीडिया पर क्राउडफंडिंग अभियान भी चलाया था। इस अभियान को क्रिकेटर दीपक चाहर और सरफराज खान ने भी समर्थन दिया था।
डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया कि इंजेक्शन लगाने के बाद हृदयांश को निगरानी में रखा जाएगा। उम्मीद है कि यह इंजेक्शन उसे इस दुर्लभ बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।
आपको बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक जेनेटिक बीमारी है जो बच्चों को प्रभावित करती है। यह बीमारी हृदयांश के कमर से नीचे के हिस्से को प्रभावित कर रही है, जिससे उनकी बौद्धिक और शारीरिक सक्षमता में कमी होती है।
SMA के इलाज की मुख्य चुनौती यह है कि इसे समय पर पहचाना और इलाज किया जाए, क्योंकि इसका समय पर उपचार न होने पर यह अधिक गंभीर हो सकती है और अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रकार के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, जो केवल विदेश में ही उपलब्ध होते हैं।