स्किन डिसऑर्डर कई तरह के हो सकते हैं। ये आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं। इन बीमारियों के कारण स्किन पर चकत्ते, सूजन, खुजली या त्वचा में अन्य कई तरह के परिवर्तन हो सकते हैं। स्किन डिसऑर्डर जेनेटिक भी हो सकती हैं। कुछ मामलों में जीवनशैली संबंधी समस्याएं भी इनका कारण बन सकती हैं। स्किन डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट में दवाएं, क्रीम या मलहम और जीवनशैली में बदलाव भी शामिल हो सकते हैं। एक ऐसा ही स्किन संबंधी डिसऑर्डर है विटिलिगो या सफेद दाग। इससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। एलोपैथ और आयुर्वेद के अलावा, इसका होम्योपैथी में भी ट्रीटमेंट उपलब्ध है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस स्किन प्रॉब्लम के इलाज में होम्योपैथी किस तरह कारगर है।
10 करोड़ से भी अधिक लोग पीड़ित
इस बीमारी के प्रति लोगों में काफी गलत धारणाएं फैली हैं। आमतौर पर इसके प्रति सामान्य लोगों को बेहद कम जानकारी है। आईपी इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल डर्मेटोलॉजी, के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में 8.8 फीसदी से भी अधिक लोग लोग विटिलिगो से पीड़ित है।
यह दूसरे देशों की तुलना में काफी ज्यादा है। विटिलिगो रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार, दुनिया भर में करीब 10 करोड़ से भी अधिक लोग विटिलिगो की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशानी सहनी पड़ती है। सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। समाज से काट कर रहने के कारण उन्हें मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ती है।
होम्योपैथी है प्रभावी इलाज
विटिलिगो एक ऑटो इम्यून स्थिति है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के कारण स्किन इन्फेक्शन होता है। होम्योपैथिक दवाएं डिजीज इम्यून सिस्टम को नियमित करती है और बीमारी को ज्यादा फैलने से रोकती है। इसके अलावा यह यथासंभव प्राकृतिक सुरक्षित और प्रभावी रूप से स्किन को अपना रंग बदलने के लिए उत्तेजित करती है। इस रोग के होम्योपैथिक इलाज से मरीजों की कुछ सामान्य समस्याएं, जैसे बेचैनी, उदासी, डिप्रेशन का भी इलाज हो जा सकता है।
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क्या इसके साइड इफेक्ट्स हैं?
सफेद दाग के मरीजों के लिए होम्योपैथी की दवाएं सुरक्षित और प्रभावी हैं। इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं। इससे मरीजों को लंबे समय तक राहत मिलती है। एकेपी होम्योपैथी क्लिनिकल सेंटर की क्लिनिकल स्टडी के अनुसार, विटिलिगो या सफेद दाग के 629 मरीजों में से 259 रोगियों की स्थिति में सुधार हुआ। स्टडी में शामिल ल्यूकोडर्मा के 97 में से 42 मरीजों का होम्योपैथिक इलाज से लाभ पहुंचा। इस रिसर्च ने विटिलिगो के होम्योपैथिक इलाज की प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया।
कौन-सी होम्योपैथिक दवा है ज्यादा कारगर
ज्यादातर मरीजों का सफेद दाग के कारण आत्मविश्वास और खुद पर भरोसा कम हो जाता है। उन्हें लगता है कि इस रोग के कारण उनका सब कुछ खत्म हो गया है। सामाजिक अलगाव उन्हें कुछ मामलों में आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर सकता है।
डॉ. बत्रा के अनुसार, शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों के आधार पर मरीजों को पल्सेटिला प्रिस्क्राइब की जाती है। इस दवा के प्रभाव से धीरे-धीरे सफेद दाग स्किन पर फैलना बंद हो जाते हैं। लगातार इलाज और खानपान में बदलाव के साथ पैच भी काफी कम होने लगते हैं। मरीजों की स्थिति में काफी सुधार देखा जा सकता है।
मामलों की शुरुआत में अर्सुल्फ फ्लेवम 6सी की पोटेंसी भी काफी लाभदायक है। इसके स्थानीय विकल्प के रूप में सोरालेन कॉन क्यू की 10 बूंदों को 1 कप पानी के साथ लिया जा सकता है।
इस तरह करें बचाव
विटिलिगो के मरीजों को सुबह जल्दी उठने से सूरज की रोशनी से फायद मिलता है। उन्हें अपने नियमित आहार में पालक जैसी हरी और पत्तेदार सब्जियां शामिल करनी चाहिए। ये कॉपर से भरपूर हैं। मिनरल में सबसे अधिक कॉपर विटिलिगो से पीड़ित मरीजों के लिए कारगर है।यह ध्यान रखना जरूरी है कि विटिलिगो से पीड़ित मरीज अपनी स्किन पर सीधे डियोड्रेंट लगाने से बचें। इसकी जगह उन्हें केवल कपड़े पर इसका स्प्रे करना चाहिए। डियोडरेंट्स में मौजूद केमिकल स्थिति सुधारने की बजाय बिगाड़ भी सकते हैं।