लुकास नाम का 13 साल का एक लड़का बेल्जियम से आता है। वो दुनिया का पहला बच्चा बन गया है, जिसे Diffuse Intrinsic Pontine Glioma (DIPG) नामक दुर्लभ और खतरनाक ब्रेन कैंसर से ठीक किया गया है। लुकास को छह साल की उम्र में इस कैंसर का पता चला था। लेकिन सात साल के इलाज के बाद अब उसके शरीर में कैंसर का कोई निशान नहीं बचा है। यह जानकारी पेरिस के Gustave Roussy Cancer Center में ब्रेन ट्यूमर प्रोग्राम के प्रमुख डॉक्टर Jacques Grill ने दी है।
जानें DIPG के बारे में
- DIPG एक बहुत ही दुर्लभ और खतरनाक कैंसर है, जो दिमाग के निचले हिस्से (Brainstem) में होता है।
- हर साल अमेरिका में लगभग 300 और फ्रांस में 100 बच्चों को DIPG का पता चलता है।
- दुर्भाग्य से, इस कैंसर का अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं है।
- आमतौर पर, बच्चे इस बीमारी के एक साल के अंदर ही दुनिया छोड़ देते हैं। केवल 10% बच्चे ही दो साल तक जीवित रह पाते हैं।
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लुकास को कैसे मिला इलाज?
लुकास और उसके परिवार ने फ्रांस में BIOMEDE नाम के एक परीक्षण में हिस्सा लिया। इस परीक्षण में DIPG के इलाज के लिए नई दवाओं को जांचा जा रहा था। लुकास को परीक्षण में बेतरहती से चुनी गई दवा Everolimus दी गई और खुशखबरी ये है कि इस दवा ने लुकास के शरीर से कैंसर का ट्यूमर पूरी तरह खत्म कर दिया।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
डॉक्टर Grill का कहना है कि लुकास का मामला पूरी दुनिया में अनोखा है। अभी ये पूरी तरह समझ नहीं आया है कि लुकास को पूरी तरह से ठीक होने में क्या खास बात थी और इससे दूसरे बच्चों के इलाज में क्या मदद मिल सकती है। हालांकि इस परीक्षण में शामिल सात अन्य बच्चे भी बीमारी का पता चलने के बाद कई साल तक जीवित रहे, लेकिन उनमें से किसी के शरीर से ट्यूमर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ। डॉक्टर Grill का मानना है कि शायद हर बच्चे के ट्यूमर में कुछ खास जैविक विशेषताएं होती हैं। लुकास के ट्यूमर में एक बहुत ही दुर्लभ बदलाव पाया गया, जिसने उसके ट्यूमर कोशिकाओं को दवा के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना दिया।
लुकास की कहानी बनी उम्मीद
भले ही लुकास का मामला अनोखा है, लेकिन यह DIPG से लड़ने के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को नई उम्मीद देता है। लुकास की कहानी भविष्य में इस खतरनाक कैंसर से और बच्चों को बचाने के लिए प्रेरणा दे सकती है।