डायबिटीज की बात आते ही दिमाग में पहला शब्द आता है चीनी। लोगों की यह धारणा है कि डायबिटीज होने का मतलब है कि आप ज्यादा चीनी खाते हैं पर ये बातें असल में झूठी हैं। जबकि इसके पीछे कारण कुछ और ही है। इन्हीं कारणों के बारे में डॉ श्रेय श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर – इंटरनल मेडिसिन शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने बताया कि आखिर डायबिटीज की बीमारी होती कैसे है और इसका कारण क्या है।
डॉ. श्रेय बताते हैं कि ये बात सही है क्योंकि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कि हाई ब्लड शुगर की वजह से होता है। पर बहुत से लोग आश्चर्य करते हैं कि क्या चीनी खाने से यह हो सकता है। लेकिन तथ्य यह है कि चीनी खाने से सीधे तौर पर डायबिटीज नहीं हो सकता है, लेकिन इससे मोटापा हो सकता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है। यानी कि जब आपका शरीर इंसुलिन के प्रति रिएक्ट न करे और इसे पचाना बंद कर दे। इससे शुगर सीधे खून में मिलता है और फिर डायबिटीज का कारण बनता है। इसलिए WHO आपकी दैनिक कैलोरी का 10% से अधिक शुगर लेने से मना करता है।
Also Read – अब ग्रीन टी नहीं ब्लू टी से मिलेंगे कई फायदे, इन बीमारियों में है बेहद कारगर
डायबिटीज का असली कारण
डॉ. श्रेय बताते हैं कि तथ्य यह है कि डायबिटीज के पीछे कई कारण हैं जैसे
बीएमआई 30 के साथ मोटापा (Morbid obesity with BMI > 30)
गतिहीन जीवन शैली
आनुवंशिकी
डॉ. श्रेय यह भी बताते हैं कि डायबिटीज तब होता है जब पैनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देती है या जब आपकी कोशिकाएं उत्पादित इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं। अगर कोई रोगी डायबिटीज से पीड़ित है तो हम उसे चीनी का सेवन कम करने की सलाह देते हैं क्योंकि इंसुलिन को चीनी के चयापचय के लिए कुशलतापूर्वक काम करना पड़ता है।
ऐसे में डायबिटीज के रोगियों में चीनी का सेवन ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाएगा और डायबिटीज संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है। तो, चीनी ही नहीं जिन भी फूड्स में ग्लूकोज है, डायबिटीज में उन सब का सेवन नियंत्रित तरीके से करें।