राजस्थान में इन दिनों गर्मी चरम पर है। भीषण गर्मी के चलते लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को बाहर न खाने की सलाह दे रहे हैं
हाल ही में राजस्थान के उदयपुर से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां जिले के कोटड़ा तहसील में एक सगाई समारोह में खाना खाने के बाद फूड पॉइजनिंग के कारण एक महिला सहित 3 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 36 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की जानकारी मिलने पर कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों से बातचीत की। उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शंकर बामनिया ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने भोजन के नमूने को एकत्र कर परीक्षण के लिए भेज दिया है।
क्यों हो जाती है फूड प्वाइजनिंग
- दूषित खानपान का सेवन करना।
- भोजन को ठीक तरह से न पकाना या सही तरीके से स्टोर करके न रखना।
- भोजन बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना।
- स्टाफीलोकोकस, लिस्टेरिया और सैल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया भोजन या पेय पदार्थों को संक्रमित कर सकते हैं, जिसके कारण फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
- जरूरत से ज्यादा जंक और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करना।
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फूड प्वाइजनिंग के लक्षण
- पेट में दर्द और ऐंठन
- दस्त होना
- बुखार
- भूख न लगना
- मल में खून आना
- ठंड लगना
- लगातार सिरदर्द होना
- मतली और उल्टी होना
- अत्यधिक कमजोरी महसूस होना
फूड प्वाइजनिंग से कैसे करें बचाव
- साफ पानी पिएं।
- कच्ची सब्जियों और फलों को नमक वाले पानी में धोकर इस्तेमाल करें।
- बाहर का खाना खाने से परहेज करें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- खाने को हमेशा ढककर रखें।
- खाना बनाने और खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- सब्जी, फल और मांस को अलग-अलग कटिंग बोर्ड पर काटें ताकि क्रॉस कंटैमिनेशन न हो।
- पके हुए खाने को देर तक फ्रिज में न रखें।