कई बार ऐसा होता है कि चोट लगने के बाद आपका ब्लड नहीं रुकता है। अगर किसी तरह की ब्लीडिंग होने पर काफी ज्यादा खून बहता है तो यह हीमोफीलिया की ओर संकेत देता है। हीमोफीलिया आमतौर पर एक वंशानुगत ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, जिससे पीड़ित व्यक्तियों का रक्त सही से नहीं जम पाता है।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम के हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. मीत कुमार का कहना है कि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ब्लीडिंग के साथ-साथ चोट या सर्जरी के बाद रक्तस्राव भी हो सकता है। हमारे ब्लड में कई तरह के प्रोटीन होते हैं, जो क्लॉटिंग का कारक होता है।
इन प्रोटीन की मदद से रक्तस्राव को रोकने में मदद मिलती है। मरीजों में हीमोफीलिया की गंभीरता ब्लड में कारक की मात्रा पर निर्धारित होती है। कारक की मात्रा जितनी कम होगी, ब्लीडिंग होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी, इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस बारे में डॉ. मीत कुमार से जानते हैं हीमोफीलिया के संकेत, कारण और क्या हैं इलाज?
किन कारणों से होता है हीमोफीलिया?
जब किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग होती है, तो उसका शरीर आमतौर पर ब्लीडिंग को रोकने के लिए ब्लड सेल्स को एक साथ इकट्ठा करके एक थक्का बनाता है। क्लॉटिंग बनने का कारण रक्त में मौजूद प्रोटीन होते हैं, जो थक्के बनाने के लिए प्लेटलेट्स नामक कोशिकाओं के साथ काम करते हैं। हीमोफीलिया तब होता है जब क्लॉटिंग फैक्टर गायब होता है या क्लॉटिंग फैक्टर का स्तर कम होता है।
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हीमोफीलिया के क्या हैं लक्षण
मरीजों के शरीर में हीमोफीलिया के लक्षण आमतौर पर क्लोटिंग जमने के कारकों के स्तर के आधार पर अलग-अलग होते हैं। यदि आपके थक्के बनने का कारक का स्तर थोड़ा कम हो गया है, तो आपको सिर्फ सर्जरी या किसी तरह के चोट लगने के बाद ही रक्तस्राव हो सकता है। वहीं, कारक का स्तर काफी ज्यादा कमहोने पर बिना किसी कारण ब्लीडिंग हो सकती है।
- कटने या चोट लगने से या सर्जरी होने पर काफी ज्यादा ब्लीडिंग होना
- वैक्सीनेशन के बाद असामान्य रूप से ब्लीडिंग होना
- जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न महसूस होना
- यूरिन और मल त्याग के दौरान ब्लीडिंग होना
- बिना किसी कारण से नाक से खून आना
- शिशुओं में बिना किसी कारण चिड़चिड़ापन होना, इत्यादि।
हीमोफीलिया का इलाज
हीमोफीलिया एक गंभीर डिसऑर्डर है। इस विकार से पीड़ित मरीजों को एक कुशल डॉक्टर और नर्स के देखभाल की जरूरत होती है। अगर आप सही डॉक्टर से हीमोफीलिया का इलाज कराते हैं, तो इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है। हीमोफीलिया से जुड़े इलाज के बारे में जानने के लिए अपने हेल्थ एक्सपर्ट की राय लेना बिल्कुल भी न भूलें। डॉक्टर दवाओं के माध्यम से ब्लीडिंग की परेशानी को कम करने की कोशिश करता है।