अस्पताल में भर्ती मरीज की हालत अगर ज्यादा खराब है, तो उसे इंटेंसिव केयर यूनिट(ICU) में रखा जाता है. 24 घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रहने के बावजूद भी मरीज कई बार स्वस्थ नहीं हो पाते. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ICU में मौजूद संक्रमण भी इसका एक अहम कारण हो सकता है. यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक के कारण फैलता है.
अगर आप आईसीयू में मरीज को देखने जा रहे हैं, तो कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं. आईसीयू में प्रवेश से पहले मास्क लगा लें, हाथों को सैनिटाइजर से अच्छे से साफ करें, जूते चप्पल बाहर उतार दें और मुमकिन हो तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से मिलने वाला गाउन पहन लें. साथ ही आईसीयू रूम की किसी भी चीज को छूने से परहेज करें. बाहर निकलने पर हाथों को अच्छे से साफ करें और हो सके तो अपने कपड़े बदल लें. इस तरह तीमारदारों को कई सावधानियां बरतना चाहिए.
सेप्सिस का खतरा
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून अस्पताल के सीएमएस और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि मरीज की जब हालात ज्यादा नाजुक होती है, तो ही उसे आईसीयू में रखा जाता है ताकि वह डॉक्टर्स की निगरानी में रहे. इस दौरान उसे कई तरह से इंफेक्शन का खतरा होता है. सिर्फ सांस की दिक्कत ही नहीं उसके हृदय, किडनी, लीवर और फेफड़े के संक्रमण का खतरा होता है. आईसीयू में भर्ती मरीज में ऑक्सीजन लेवल कम होता है. इससे मरीज के सभी अंगों पर असर आ सकता है. आईसीयू मरीजों में सेप्सिस नाम की बीमारी होना भी सामान्य बात है. पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं मरीज को दूसरे तीसरे तरह के इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है इसीलिए इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.
आईसीयू में भर्ती मरीज से बार-बार मिलना सही नहीं
डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि जब कोई मरीज के पास उसे देखने के लिए जाता है, तो अपने जूते-चप्पल बाहर निकाल देना चाहिए. इसके अलावा हाथ सैनिटाइज करें और मास्क पहनकर ही जाएं. वहीं सिर को ढकने के लिए भी एक कैप दी जाती है. इसके अलावा मरीज को बार-बार मिलने नहीं जाना चाहिए. बर्न आईसीयू में भर्ती मरीजों को त्वचा के माध्यम संक्रमण का खतरा रहता है, इसलिए उन्हें नेट द्वारा कवर किया जाता है.
आग लगने का खतरा
हाल ही में एक ताजा मामला गुजरात से सामने आया था, जिसमें एक मरीज आईसीयू में भर्ती था. उसे बीड़ी पीने का मन था, जिसके बाद वह बीड़ी सुलगाता है तो अचानक आग लग जाती है. आईसीयू में मौजूद गैस के सम्पर्क से आग लग गई थी.