बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, टेंशन, काम का दबाव और कई अन्य कारणों से 93 प्रतिशत भारतीयों में नींद की कमी देखी जाती है। कुछ लोगों को अनिद्रा की परेशानी इस कदर घेर लेती है कि उन्हें नींद की दवाओं तक का सहारा लेना पड़ता है। ये दवाएं ज्यादा लेना भी सेहत के लिए खराब है। हालांकि इस परेशानी से बचने में भारतीय आयुर्वेद आपके काम आ सकता है। आयुर्वेद की पावरफुल औषधि अश्वगंधा इसमें आपका मददगार बन सकता है। अश्वगंधा बेहतर नींद के साथ ही टेंशन को कम करने और वेट मैनेजमेंट में भी सहायक होता है।
कैसे मददगार है अश्वगंधा
अश्वगंधा को इंडियन जिनसेंग भी कहते हैं। यह कई बीमारियों की एक दवा है। अश्वगंधा के सेवन से आपको सिर्फ बेहतर नींद ही नहीं आती, बल्कि ये आपके टेंशन को भी कम करता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर का लेवल कम होता है। अश्वगंधा में एंटीसाइकोटिक गुण होते हैं, जिससे मेंटल हेल्थ सही रहती है। इतना ही नहीं, यह इनफर्टिलिटी को दूर करने में भी मददगार होता है।
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Sleeping Pill से क्यों बेहतर है
अनिद्रा की परेशानी को दूर करने के लिए अश्वगंधा विशेष रूप से काम आती है। ऐसे में स्लीपिंग गमीज या सप्लीमेंट्स की जगह अश्वगंधा का सेवन करना आपके लिए अच्छा विकल्प है। स्लीपिंग गमीज में जहां कैमोमाइल अर्क, नींद के लिए जरूरी विटामिन और मेलाटोनिन होते हैं। वहीं अश्वगंधा का अर्क पूरी तरह से नेचुरल होता है। कई शोध भी इस बात को मानते हैं कि अश्वगंधा सेहत और नींद दोनों के लिए फायदेमंद है। हाल ही में 18 से 65 वर्ष की आयु के सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों को अनिद्रा की समस्या दूर करने के लिए अश्वगंधा की जड़ और पत्तियों का अर्क दिया गया। शोध में सामने आया कि जिन लोगों ने अश्वगंधा के अर्क का सेवन किया था उन्हें गहरी, शांत और पर्याप्त नींद आई। साथ ही उन्हें नींद से जागने के बाद भी अच्छा महसूस हुआ।
इतनी मात्रा में लें अश्वगंधा
अश्वगंधा कई परेशानियों को हल करता है। हर एक परेशानी के हल के लिए इसके सेवन की मात्रा अलग-अलग होती है। इनफर्टिलिटी दूर करने के लिए 5 से 10 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करना सही रहता है। वहीं अनिद्रा की परेशानी दूर करने के लिए भी इसी मात्रा में अश्वगंधा लेना चाहिए। इसका असर दिखने के बाद आप इसकी खुराक कुछ कम कर सकते हैं।
कुछ सावधानियां रखना भी जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार अश्वगंधा के गुणों को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन कई बार लंबे समय तक इसके सेवन से परेशानियां हो सकती हैं। अश्वगंधा पेट दर्द, अपच, मतली, दस्त और पेट में जलन होने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। प्रेगनेंट महिलाओं को भी इसके सेवन से बचना चाहिए। अगर आप पिंपल्स, पीसीओएस या हेयर लॉस की समस्या से परेशान हैं तो भी आप अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। बच्चों को अश्वगंधा हमेशा विशेषज्ञों की सलाह पर ही देनी चाहिए। क्योंकि इसके कारण उन्हें मूड स्विंग, डिप्रेशन, गुस्सा और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।