आधुनिक जीवन शैली व गलत खान-पान हाइपरटेंशन बीमारी का सबसे बड़ा कारण है, इसे हल्के में न लें। हाई ब्लड प्रेशर लगातार बने रहने से कई बीमारियां होती हैं। सही खान-पान व नियमित एक्सरसाइज से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 17 मई को अंतरराष्ट्रीय हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एमडी मेडिसिन डॉ शागिल ने हाइपरटेंशन को लेकर ये बातें बताईं।
डॉ. शागिल ने बताया कि घर में बैठकर लैपटॉप व मोबाइल का अधिक उपयोग करना, आठ घंटे की जगह 12 से 14 घंटे तक काम करना, अधिक फास्ट फूड खाना, वजन का बढ़ना, शराब का अधिक उपयोग करना, अधिक नमक खाना, एक्सरसाइज न करना, खाने में फल या सब्जियों की कमी होना, अधिक धूम्रपान करना, तनाव में रहना आदि हाइपरटेंशन के प्रमुख कारण हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 35 फीसदी शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। यह स्थिति महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है। पहले हाई ब्लड प्रेशर के मामले 50 वर्ष के उम्र के बाद के लोगों में देखने को मिलते थे, लेकिन अब आधुनिक जीवन शैली, फास्ट फूड व पैकेट में बंद सामान को खाने से लोग बीपी जैसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
साइलेंट किलर है ब्लड प्रेशर
डॉ. शागिल ने बताया कि ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है, जो काफी तेजी से बढ़ रहा है। लोग इसे हल्के में लेते हैं। डायग्नोसिस होने के बाद भी दवा खाने से परहेज करते हैं।
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बीपी की एक गोली लोगों की जिन्दगी बचा सकती है, इसलिए इससे ग्रसित लोगों को समय पर दवा लेनी चाहिए। अगर इसे नजर अंदाज करते हैं तो यह कई बीमारियों को जन्म देता है। यह किडनी, आंख, सहित शरीर के कई अंगों को प्रभवित करता है।
मोबाइल मानसिक रोग का दे रहा जन्म
डॉ. ने बताया कि आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है। यह सबसे बड़ा नशा है। बच्चे से बुजुर्ग तक मोबाइल के नशे की गिरफ्त में हैं। मोबाइल के बिना बच्चे खाना तक नहीं खाते हैं। मोबाइल में कई ऐसी चीजें हैं जो देखने लायक नहीं हैं। इसलिए इससे दूर रहने की जरूरत है। अगर लोग अपने घर में जाते हैं तो कम से कम 3 घंटे मोबाइल को अलग रखें और परिवार के सदस्य आपस में बैठकर बातें करें। बच्चे से बातचीत करें। उनके साथ खेलें। मोबाइल का नशा मानसिक रोग का जन्म दे रहा है।
कम से कम 20 मिनट तेज गति से चलें
हाइपरटेंशन का सबसे अच्छा इलाज हेल्दी लाइफस्टाइल और नियमित दवाइयां हैं। हेल्दी डाइट से हाइपरटेंशन को कंट्रोल किया जा सकता है। डेली डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन करें। नमक कम मात्रा में खाएं। पैकेट वाले सामान मिक्चर, चिप्स में नमक की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही रेगुलर एक्सरसाइज जरूर करें। प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट तेज गति से चलें।
बच्चे से लेकर युवा तक ले रहे ज्यादा तनाव
आजकल लोेग भाग-दौड़ की जिन्दगी जी रहे हैं। हर क्षेत्र में तनाव है। खेलने-कूदने की उम्र मेंं छोटे बच्चों को भी तनाव दिया जा रहा है। 7-8 वर्ष के बच्चों को प्रतियोगी दौड़ में खड़ा कर दिया जा रहा है। जबकि इस उम्र में बोलने-चालने की शक्ति प्रदान होती है। वहीं युवा वर्ग रुपयों के पीछे भाग रहा है। पैसों की दौड़ में लोग स्वास्थ्य को भूल जा रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।