जिंदगी में तमाम परेशानियां हैं, हजारों काम हैं, व्यस्त जीवन है लेकिन सब कुछ पूरा करना है. इसी उतार-चढ़ाव में तनाव और निराश होना भी लाजमी है. इंसान है तो डर भी होगा ही. ये सब मिलकर एक दिन अचानक इंसान को एंग्जाइटी या बेचैनी या व्यग्रता से भर देता है. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो इसे मामूली न समझें.
दरअसल, यह सडेन एंग्जाइटी अटैक है. इसमें इंसान को बहुत डर महसूस होने लगता है, उसे लगता है कि कुछ अनहोनी होने वाली है. किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता और जो काम करता है, लगता है कि तुरंत पूरा हो जाए, वह व्यग्र हो जाती है, बैचैनी बहुत बढ़ जाती है. छटपटाहट, घबराहट, कंपकंपी, पसीना एक साथ आने लगता है. किसी भी स्थिति में इंसान को चैन नहीं मिलता है. ऐसे में इस बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए.
एंग्जाइटी होने के कारण
मेडिकल टूडे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एंग्जाइटी के कई कारण हो सकते हैं. यदि परीक्षा की टेंशन हो, नौकरी की अनिश्चितता हो, आर्थिक स्थिति खराब हो, रिलेशनशिप में तकरार हो, किसी चीज को लेकर चिंता हो, उम्मीद के हिसाब से स्थिति नहीं बदल रही हो, तो इन स्थितियों में एंग्जाइटी का सडेन अटैक होता है. वहीं कुछ क्रोनिक बीमारियों में भी अचानक बेचैनी का दौरा पड़ सकता है. अगर हाई कोलेस्ट्रॉल है या मानसिक सक्रियता में कमी है या याददाश्त में कमी है तो भी सडेन एग्जाइटी का हमला हो सकता है.
एंग्जाइटी में दिखने वाले लक्षण
एंग्जाइटी का हमला जब होता है तो अचानक इंसान बहुत बेचैन हो जाती है. उसमें व्यग्रता और अधीरता बढ़ जाती है. किसी चीज से चैन नहीं मिलता. उसमें डर की भावना बढ़ जाती है. ऐसा लगता है कि बहुत बुरा होने वाला है. मूड बहुत खराब रहता है. अगर यह लगातार बकरार रहे तो इससे इंसान अवसाद में चला जाता है.
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भविष्य में क्या होगा इसको लेकर बहुत अधिक चिंतित रहता है. एंग्जाइटी धीरे-धीरे भी आ सकती है. इसमें लक्षण भी धीरे-धीरे दिखते हैं. जब एंग्जाइटी का पैनिक अटैक आता है तो बॉडी से बहुत ज्यादा पसीना आता है. बहुत लंबे समय घबराहट और कंपकंपी महसूस होती है. बैचेनी बढ़ने लगती है और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है. यहां तक कि सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. एंग्जाइटी अटैक में दिल की धड़कनें बहुत तेज चलती हैं.
कैसे करें इसका इलाज
अगर एंग्जाइटी का हमला बार-बार हो रहा है तो लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने की डॉक्टर सलाह देते हैं. अगर हाई कोलेस्ट्रॉल है तो इससे भी एंग्जाइटी हो सकती है. इसलिए डॉक्टर से सलाह लें. अगर हाई कोलेस्ट्रॉल या कोई बीमारी नहीं है कि साइकेट्रिस्ट से सलाह लेनी चाहिए. वे इसके पीछे के कारणों का पता लगाकर आपको थेरेपी बताएंगे. डॉक्टर इसके लिए साइकोथेरेपी का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए कॉगनिटिव विहेवियरल थेरेपी और कुछ दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप चाहते हैं कि एंग्जाइटी का हमला आपके जीवन में न हो तो इसके लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद जरूरी है. वहीं योग और ध्यान एंग्जाइटी को भगाने के लिए बहुत कारगर माना जाता है.