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इस मौसम में Heart Patient की जीवनशैली में बदलाव जरूरी, Expert ने बताया कारण

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हृदय रोग वाले बुजुर्ग मरीजों को अपने हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आपको लगता है कि केवल सर्दी में ही हृदय घात आ सकता है तो यह सही नहीं है। क्योंकि गर्मी में भी उतना ही खतरा है जितना कड़ाके की सर्दी में होता है। गर्मी के मौसम में भी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और हार्ट अटैक, हीट स्ट्रोक सहित दिल की कई अन्य बीमारियां होने की संभावना पैदा हो जाती है।

भीषण गर्मी पड़ने से जहां स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर खतरे पैदा हो जाते हैं तो वहीं दिल के रोगियों के लिए भी यह समय काफी कठिन हो जाता है। ह्रदय रोग विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी के मौसम का हार्ट पर काफी असर पड़ता है। खासतौर पर उन लोगों में जो पहले से दिल से जुड़ी बीमारी या किसी रिस्क वाली स्थिति में हैं। गर्मी के मौसम में ज्यादा पसीना बहता है जो डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से खून का वाल्यूम कम हो जाता है और दिल पर इससे दवाब पड़ता है।

गर्मी के मौसम में शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिससे धड़कन बढ़ सकती है और यह हार्ट पर अतिरिक्त वजन या दवाब का कारण बनता है। इस मौसम में दिल का ख्याल रखने के लिए कुछ चीजें करना जरूरी हैं। विशेषज्ञ से जानते हैं कि आखिर गर्मी के मौसम में दिल का ख़ास ख्याल कैसे रखा जाए।

आरोग्य इंडिया प्लेटफोर्म से जुड़े हैं डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव। बता दें कि डॉ राजेश लखनऊ स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हीं से जानते हैं कि आखिर इस मौसम में कैसे दिल का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।

हृदय रोग से संबंधित लोगों में दो तरह के रोगी हो जाते हैं, एक तो हार्ट फेलियर जिनमें पेशाब ज्यादा हो, वो देने की जरूरत पड़ती हो। ऐसे रोगियों को इस बात का ध्यान रखना है कि खुद को बहुत गर्मी में न रखें, अपने को हाइड्रेट करते रहें कि इन दवाइयों की वजह से और मौसम के एडिशनल इफेक्ट की वजह से डिहाइड्रेशन वाली बात न हो, इसका ध्यान रखना होगा। जो दवाइयां रेगुलर ले रहे हैं, उनको लेते रहें। बहुत ज्यादा गर्मी में बाहर न निकलें, अगर मजबूरी में निकलना भी पड़े तो खुद को ढंककर रखें। साथ ही पानी का इनटेक बढ़ाकर रखें जिससे डिहाइड्रेशन वाली बात न हो।

दूसरे हार्ट डिजीज के रोगी होते हैं जिनमें एंजाइना जैसी शिकायत होती है। उनको भी यही सावधानी रखनी है कि अपनी बॉडी में पानी की मात्रा पर्याप्त बनाये रखें जिससे डिहाइड्रेशन न होने पाये। साथ ही दवाइयां रेगुलर लेते रहें। अधिक धूप में खुद को निकलने से बचायें और खाने की चिकनाई और मसाले वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें।

इन बातों को भी रखें खास ध्यान

इसके अलावा हमें और किन बातों का ध्यान रखना है उसे भी जान लीजिए।

  • इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
  • ज्यादा तापमान के समय में बाहर न निकलें। अगर घर से बाहर का कोई काम है तो दोपहर के समय करने से बचें। हल्के और सूती कपड़े पहनें।
  • इस मौसम में बाहर काम या व्यायाम करने से बचें। किसी भी नए व्यायाम की शुरुआत करने से पहले अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह जरूर लें।
  • शरीर को डिहाइड्रेट करने वाली चीजें जैसे शराब का सेवन, कैफीन यानि काफी और चाय आदि की मात्रा को भी कम से कम रखें।
  • गर्मी के मौसम में खानपान हल्का रखें, न बहुत ज्यादा गर्म और न ही बहुत ठंडे का सेवन करें। दवाएं समय पर लें और बिना डाक्टर की सलाह के दवा बंद न करें।

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