अमेरिकी फार्मा दिग्गज फाइजर की कोविड-19 रोधी दवा कोविड से बचाने में नाकाम रही है. एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग पैक्सलोविड (निर्मैट्रेल्विर-रिटोनाविर) वैक्सीन लगवा चुके हैं. और अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं, यह दवा उन व्यक्तियों में लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षणों के जोखिम को कम नहीं करती है.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को (UCSF) के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने पैक्सलोविड लिया था. उनमें से एक बड़े हिस्से में तीव्र लक्षणों और टेस्ट पॉजिटिविटी की वापसी हुई, जो पहले की रिपोर्टों से ज्यादा है. ये निष्कर्ष जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं.
पैक्सलोविड उपचार को उच्च जोखिम वाले गैर-वैक्सीन वाले व्यक्तियों के लिए कोविड-19 के तीव्र मामलों में प्रभावी पाया गया है. लेकिन लंबे समय तक चलने वाले कोविड जोखिम पर इसके प्रभाव, जिसमें यह वैक्सीन-लगाए लोगों को लंबे समय तक चलने वाले कोविड से बचाता है या नहीं, इसे लेकर स्पष्टता नहीं थी. इसकी जांच के लिए शोधकर्ताओं ने वैक्सीन लगाए हुए ऐसे लोगों के एक समूह का चयन किया, जिन्होंने मार्च और अगस्त 2022 के बीच पहली बार कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने की सूचना दी थी और जिन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था.
दिसंबर 2022 में, दोनों समूहों ने समान स्थितियों की सूचना दी. पैक्सलोविड से इलाज करवाने वालों में से लगभग 16% को लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षण थे, जबकि बिना इस दवा के इलाज करवाने वालों में यह आंकड़ा 14% था. आमतौर पर बताए गए लक्षणों में थकान, सांस की तकलीफ, भ्रम, सिरदर्द और स्वाद और गंध में बदलाव शामिल थे. जिन लोगों ने पैक्सलोविड लिया और फिर लंबे समय तक चलने वाले कोविड के लक्षण विकसित किए, उन्होंने उन लोगों के जितने लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षण बताए, जिन्होंने इस दवा का सेवन नहीं किया था.
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कुछ कम लोगों को गंभीर लंबे समय तक चलने वाले कोविड हुए और जो लोग पैक्सलोविड ले चुके थे. उनमें गंभीर लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षण होने की संभावना उतनी ही थी जितनी कि बिना दवा लिए लोगों में थी. जिन लोगों ने पैक्सलोविड उपचार के दौरान लक्षणों में सुधार का अनुभव किया, उनमें से 21% ने रिबाउंड लक्षणों की सूचना दी. और रिबाउंड लक्षणों वाले लोगों में से 10.8% ने कम से कम एक लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षण की सूचना दी, जबकि बिना रिबाउंड लक्षणों वाले 8.3% लोगों ने ऐसा किया.
जो प्रतिभागी नेगेटिव टेस्ट आने और उपचार पूरा करने के बाद एंटीजन टेस्टिंग दोबारा कराते रहे, उनमें से 25.7% ने रिबाउंड टेस्ट पॉजिटिविटी की सूचना दी. कुल मिलाकर, 26.1% ने रिबाउंड लक्षणों या टेस्ट पॉजिटिविटी की सूचना दी.
UCSF के कार्डियोलॉजिस्ट और मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर मैथ्यू डर्स्टेन ने कहा , “हमने पहले की रिपोर्ट की तुलना में क्लिनिकल रिबाउंड के साथ अधिक अनुपात पाया, लेकिन लंबे समय तक चलने वाले कोविड लक्षणों पर उपचार के बाद रिबाउंड के प्रभाव की पहचान नहीं की।