इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद की सेहत पर ध्यान नहीं देते हैं. वे घंटों एक स्थान पर बैठकर काम करते हैं. इस वजह से गर्दन और पीठ में दर्द भी बना रहता है. अकसर यह समस्या हड्डियों से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत होती है, लेकिन अगर इसके साथ आपको लगातार सिरदर्द की शिकायत भी बनी हुई है और शरीर के अंगों में कुछ बदलाव महसूस हो रहा है तो यह न्यूरोलॉजिकल समस्या की शुरुआत हो सकती है. इसलिए आपको अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि न्यूरो से जुड़ी किसी भी बीमारी में तुरंत इलाज की जरूरत होती है.
डॉक्टर्स के अनुसार, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने पर हमारे शरीर में कई प्रकार की परेशानियां एक साथ हो सकती हैं. फोर्टिस अस्पताल के न्यूरो विभाग के डॉक्टर प्रवीण कुमार बताते हैं कि यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है. न्यूरोलॉजिकल समस्या आमतौर पर किसी वायरल या संक्रमण के कारण होते हैं.
न्यूरो संबंधी कोई समस्या होने पर लोगों को कई प्रकार के रोग हो सकते हैं. इनमें शरीर के किसी हिस्से में लकवा मारने के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हमारी याद्दाशत भी प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, डिमेंशिया, मिर्गी जैसी गंभीर बीमारी भी हो जाती है.
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हल्के लक्षणों को भी न करें नजरअंदाज
डॉक्टर के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है या उसे अपने चेहरे की बनावट में मामूली परिवर्तन भी नजर आता है तो यह भी न्यूरो समस्या का लक्षण होता है. समय पर इनका इलाज़ नहीं हुआ तो खतरा काफी बढ़ जाता है. इसी समस्या से ब्रेन स्ट्रोक भी आता है. स्ट्रोक के कई मामलों में यह देखा जाता है कि मरीज देरी से अस्पताल पहुंचता है. इसका कारण यह भी है कि लोग न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं. आम तौर पर कोई बीमारी होने पर लोग दवा खा लेते हैं, लेकिन न्यूरो समस्या के लिए डॉक्टर के पास तुरंत जाना जरूरी होता है.
इस समस्या से बचने के लिए क्या करें
डॉक्टर का कहना है कि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारी खराब जीवनशैली होती है. जिससे हमारा शरीर बीमारा रहने लगता है, इसका असर धीरे-धीरे दिमाग पर भी पड़ने लगता है. न्यूरो संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं. साथ ही अगर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो बीच बीच में ब्रेक भी लेतें रहें और नियमित रूप से व्यायाम भी करें