यह नया टेस्ट कोलोन कैंसर की जांच को आसान बनाकर ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करेगा. इससे कैंसर का पता जल्दी लग पाएगा और इलाज भी जल्दी शुरू हो सकेगा. इससे भविष्य में कोलोन कैंसर से होने वाली मौतों को काफी कम किया जा सकता है. बड़े आंत यानी कोलोन कैंसर का पता अब आसानी से खून की जांच से लगाया जा सकता है। ये नई तकनीक कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती है.
पहले की दिक्कतें और अब में क्या अंतर
पहले कोलोन कैंसर का पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी करनी पड़ती थी, जो एक जटिल प्रक्रिया है. इसके अलावा मल का टेस्ट भी किया जाता था. कई लोग इन टेस्ट कराने में हिचकिचाते थे, जिससे कैंसर का पता देरी से चलता था. अब खून की एक नई जांच “शील्ड टेस्ट” से कैंसर का पता लगाया जा सकता है. यह टेस्ट ब्लड में मौजूद ट्यूमर के छोटे टुकड़ों का पता लगाकर कैंसर की पहचान करता है.
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टेस्ट के क्या फायदे
- यह पूरी तरह से दर्द रहित जांच है.
- यह टेस्ट कोलोनोस्कोपी और मल जांच से कहीं ज्यादा आसान है.
- अध्ययन के अनुसार यह टेस्ट शुरुआती स्टेज के कैंसर का 87% सटीकता से पता लगा सकता है.
- इस टेस्ट से कैंसर से होने वाली 73% तक मौतों को रोका जा सकता है.
क्यों जरूरी है?
यह नया टेस्ट कोलोन कैंसर की जांच को आसान बनाकर ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करेगा. इससे कैंसर का पता जल्दी लग पाएगा और इलाज भी जल्दी शुरू हो सकेगा. इससे भविष्य में कोलोन कैंसर से होने वाली मौतों को काफी कम किया जा सकता है.