प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसका असर लोगों के फेफड़ों पर पड़ रहा है और तेजी से लोग लंग्स कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स बतात हैं कि वातावरण में प्रदूषण इस तरह बढ़ रहा है कि जो लोग सिगरेट नहीं भी पीते हैं, उन्हें भी लंग्स कैंसर हो रहा है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ा है. इन जगह के अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है.
बढ़ रहीं ये समस्याएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ मरीज जिनको पहले से ही सांस की समस्या थी और इलाज के बाद उनकी स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन अब उनकी भी हालत पिछले कई दिनों में पहले से ज्यादा खराब हो गई है. इन मरीजों को इनहेलर का सहारा लेना पड़ रहा है. कुछ मरीजों में तो अस्थमा के लक्षण भी दिखाई देने लगे हैं.
सावधानी बरतना बहुत जरूरी
डॉक्टर का कहना है कि अस्पताल में आ रहे सांस के मरीजों में कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जिनमें इंफेक्शन काफी लंबे समय तक रह रहा है. भारत में नवंबर के मरीने से सर्दी का असर बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से बीमारियां भी बढ़ने लगती हैं. इस समय कुछ केस में ऐसा भी देखने को मिला है, जब लोग काफी दिनों बाद ही ठीक हो रहे हैं. इससे बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वे सावधानी बरतें.
चीन के हालात पर नजर रख रहे एक्सपर्ट्स
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वुहान की स्थिति पर इस वक्त सबसे ज्यादा नजर रखी जा रही है. वहां सांस की समस्या के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं चीन से मिली जानकारी के मुताबिक, ये कोई नया नोबल वायरस नहीं है.
एक्सपर्ट्स ने बताया कि पहले बच्चे और फिर बड़ी उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में चीन पर नजर रखने की जरूरत है. हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स इसका आंकलन कर रहे हैं.