अगर आप एक महिला हैं और रात को बार बार यूरिन आने से आप परेशान हैं तो आप अपनी इस परेशानी को इग्नोर न करें। आमतौर पर शरीर में बनने वाले यूरिन की मात्रा रात को कम हो जाती है। ऐसे में लोग बिना पेशाब किए 6 से 8 घंटे तक आराम से सो सकते हैं। यदि आप रात को बार बार पेशाब करने के लिए उठ रही हैं तो इससे आपकी स्लीप साइकिल भी प्रभावित होगी। महिलाओं को रात में बार बार यूरिन आने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसके साथ यदि आपको बुखार या पेशाब करते समय जलन की समस्या हो रही है तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। शाम को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करने से भी महिलाओं को बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि आप डिनर के साथ या डिनर के बाद कैफीन या अल्कोहल का सेवन करती हैं तब भी आपको इस तरह की परेशानी हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के बारे में जानिए
एनसीबीआई के अनुसार ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवन में एक बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूटीआई जरूर होता है। यूटीआई की समस्या तब होती है जब बैक्टीरिया या कुछ और आपके यूरिनरी सिस्टम के पार्ट्स ब्लैडर, यूरेथ्रा और किडनी को इनफैक्ट करता है। बार-बार पेशाब की समस्या के अलावा यूटीआई के लक्षणों में बुखार, पेशाब करते समय जलन, पेशाब का रंग बदलना आदि शामिल होते हैं। आप ब्लैडर पर दबाव, पीठ या पेल्विस के आसपास असुविधा भी महसूस कर सकती हैं।
वजाइना में खुजली और दर्द महसूस होता है?
वैजिनाइटिस की समस्या होने पर महिलाओं को वजाइना में खुजली और दर्द महसूस होता है। इसके अलावा वजाइना में सूजन भी हो जाती है। इस स्थिति में बार-बार पेशाब आने के साथ पेशाब करते समय जलन होती है और पेशाब करने के बाद भी पेशाब का प्रेशर महसूस होता है। वैजिनाइटिस के कई आम कारण हो सकते हैं। ज्यादातर यह इन्फेक्शन के कारण होता है। सफेद और गाढ़ा भूरा बदबूदार वजाइनल डिस्चार्ज भी वैजिनाइटिस का लक्षण होता है।
किडनी इन्फेक्शन भी हो सकता है एक कारण
ओवरएक्टिव ब्लैडर में महिलाओं का मूत्राशय बहुत ही तेजी से काम करने लगता है जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। किडनी इन्फेक्शन के कारण भी ऐसी समस्या हो सकती है। आमतौर पर मूत्राशय जब भरा होने के करीब होता है तो वह हमारे ब्रेन को संकेत भेजता है जिससे पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है। लेकिन ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या होने पर ब्रेन और ब्लैडर के बीच के संपर्क में बाधा आती है। ऐसे में मूत्राशय भरा न होने के बावजूद भी उसकी मांसपेशियां अपने आप ही सिकुड़ने लगती है। फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की समस्या स्ट्रेस और एंग्जायटी की वजह से भी हो सकती है। आप अपने वर्कप्लेस या घर पर यदि एंग्जायटी व स्ट्रेस महसूस कर रही हैं तो आपको उसे मैनेज करने की आवश्यकता है जिससे आप बार-बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा पा सकें।
डायबिटीज का भी एक लक्षण
बार-बार पेशाब आने की समस्या या अधिक मात्रा में पेशाब करना, टाइप वन और टाइप 2 डायबिटीज का लक्षण हो सकता है। डायबिटीज होने पर आपका शरीर ब्लड शुगर लेवल को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पता है। परिणामस्वरूप शरीर में अतिरिक्त शर्करा से आपकी बॉडी छुटकारा पाने की कोशिश करती है। ऐसे में यह बताता है कि बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। थकान, ज्यादा भूख और प्यास लगना, ड्राई माउथ, हाथ व पैर में झुनझुनी की समस्या भी डायबिटीज के लक्षणों में शामिल है।