हमारे व्यक्तित्व में कई ऐसे अवगुण छिपे होते हैं, जिन्हें हम नकारते रहते हैं। लेकिन यह एक विकार का रूप ले सकता है। बहुत अधिक शर्माना या लोगों से कटकर रहना भी विकार हो सकता है। यह अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कहलाता है। अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर किसी दूसरे से आलोचना पाने और अस्वीकृति के डर से जन्म ले सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दवा से अधिक इस विकार पर काम करना जरूरी है।
क्या होता है अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
अत्यधिक सामाजिक स्तर पर रोक-टोक, इन कॉम्पीटेंट होने का एहसास, आलोचना और अस्वीकृति के प्रति सेंसिटिविटी अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है। लक्षणों में केवल शर्मीला होना या सामाजिक रूप से अजीब होना ही शामिल नहीं है। अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कई महत्वपूर्ण समस्याओं का कारण बनता है। यह दूसरों के साथ बातचीत करने और दैनिक जीवन में रिश्ते बनाए रखने की क्षमता को भी प्रभावित करने लगता है। ज्यादातर मामलों में अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में लोग जान ही नहीं पाते हैं।
अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण
- क्रिटिसिज़्म या अस्वीकृति के डर से काम, सामाजिक या स्कूल की गतिविधियों से बचना। इस बात का डर लगना कि समाज उन्हें पसंद नहीं करता है, भले ही ऐसा मामला न हो। अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोग अक्सर खुद को दूसरों से कमतर समझते हैं।
- आत्म सम्मान को ठेस लगने के डर से अकेले रहने की कोशिश करना
- अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति अपनी बात कहने, शरमाने, हकलाने या बोलने से डरने या बहुत अधिक संकोची हो सकते हैं।
- छोटी-छोटी बात पर व्यक्ति के चिढ़ने की आशंका बनी रहती है।
- दृढ़ता का अभाव
- दूसरों पर विश्वास की कमी
- तटस्थ स्थितियों को नकारात्मक समझना
- करीबी दोस्त का नहीं होना या सोशल नेटवर्क की कमी भी इस विकार के लक्षण हो सकते हैं।
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क्या हैं उपचार
टॉक थेरेपी
अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लिए टॉक थेरेपी कारगर उपाय है। कॉग्निटिव बेहेवियर थेरेपी, साइकोडायनामिक थेरेपी और स्कीमा थेरेपी टॉक थेरेपी के अंतर्गत शामिल होती है। इसके लिए मरीज के साथ थेरेपिस्ट कई चरणों में बातचीत करते हैं। ग्रुप थेरेपी और सोशल स्किल ट्रेनिंग भी मददगार हो सकते हैं।
स्कीमा थेरेपी
स्कीमा थेरेपी कॉग्निटिव बेहेवियर थेरेपी के साथ-साथ कई अन्य चिकित्सीय तकनीकों पर आधारित है। इसमें डॉक्टर और पेशेंट के बीच चिकित्सीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
साइकोडायनामिक थेरेपी
साइकोडायनामिक थेरेपी का उद्देश्य इस बात से अवगत होना है कि पिछले अनुभव, दर्द और संघर्ष वर्तमान लक्षणों में कैसे योगदान दे सकते हैं। इसे किस तरह मैनेज करना है।
मेडिसिन
अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के उपचार के लिए विशेष रूप से कोई दवा नहीं होती है। डॉक्टर एंग्जायटी या अवसाद को लक्षित करने के लिए अवसादरोधी दवाएं लिख सकते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि जिन एवीपीडी वाले व्यक्तियों में सोशल एंग्जायटी होती है, उन्हें दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।
एंटीपैनिक दवा
कुछ मामलों में एंटीपैनिक दवा उन व्यक्तियों को दी जा सकती है, जो क्रोनिक एंग्जायटी प्रतिक्रियाओं के साथ-साथ घबराहट का अनुभव करते हैं। एवीपीडी वाले व्यक्तियों में एंटीपैनिक दवा बंद करने के बाद दोबारा बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।