परवरिशस्वास्थ्य और बीमारियां

अब बच्चों को नहीं रहेगा Brain Injury का खतरा, पैदा होते ही ऐसे रखा जाएगा नवजात का ख्याल

इंग्लैंड में एनएसएस ट्रस्‍टों (NHS Trusts) में 7 अक्‍टूबर को एक नया पायलट लॉन्च किया गया है। इसके लॉन्च करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि डिलीवरी के वक्त बच्चे को सिर और दिमाग में चोट लगने से बचाया जा सके। इस योजना में 9 मैटरनिटी यूनिट (Maternity Unit) भाग लेंगी। इस पायलट के माध्‍यम से महिलाओं और शिशुओं के लिए प्रसूति देखभाल में सुधार होने की उम्मीद है। DHSC के मुताबिक, साल 2021 में करीब 2,490 शिशुओं को जन्म के दौरान या बाद में मस्तिष्क की चोट लगने की रिपोर्ट मिली।

प्रसव के दौरान मस्तिष्क की चोट से बचने (ABC) के पायलटों के हिस्से के रूप में कर्मचारियों को यह पहचानने में मदद मिलेगी कि प्रसव के दौरान शिशु में परेशानी के लक्षण दिख रहे हैं या नहीं? यह कर्मचारियों को उन आपात स्थितियों का सामना करने में भी मदद करेगा, जब सिजेरियन प्रसव के दौरान शिशु का सिर मां के पेल्विस में फंस जाता है।इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में छह अस्पताल हैं, जो सीजेरियन जन्म की जांच करने वाले पायलट में भाग लेंगे।

सीजेरियन जन्‍म की जांच करने वाले पायलट में भाग लेंगे ये अस्‍पताल

काउंटेस ऑफ चेस्टर हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट, ईस्ट लंकाशायर हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट, लंकाशायर टीचिंग हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट, लिवरपूल विमेंस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट, वॉरिंगटन और हैल्टन टीचिंग हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और विरल यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट। क्रॉयडन हेल्थ सर्विसेज एनएचएस ट्रस्ट, एप्सम और सेंट हेलियर यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट और सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट की प्रसूति इकाइयां भ्रूण की गिरावट का पता लगाने के पायलट में भाग लेंगी।

अब बच्चों को नहीं रहेगा Brain Injury का खतरा, पैदा होते ही ऐसे रखा जाएगा नवजात का ख्याल

डीएचएससी ने कहा कि यदि पायलट सफल माना जाता है तो कार्यक्रम को अगले साल राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जा सकता है। रोगी सुरक्षा, महिला स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य मंत्री बैरोनेस गिलियन मेरॉन ने कहा, यह शिशुओं में रोके जा सकने वाली मस्तिष्क चोटों से बचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्योंकि, हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं कि सभी महिलाओं और शिशुओं को सुरक्षित, व्यक्तिगत और दयालु देखभाल मिले।

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