स्वास्थ्य और बीमारियां

इस इंजेक्शन से खत्म हो जाएगा हाई कोलेस्ट्रॉल, शरीर में कैसे करेगा काम

हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण वसा है. इसे लिपिड भी कहते हैं. कोलेस्ट्रॉल कई तरह के होते हैं और सबका काम भी अलग-अलग होता है. कोलेस्ट्रॉल शरीर में प्रमुख रूप से सेल मेंब्रेन, कई तरह के हार्मोन और विटामिन डी बनाता है. शरीर में दो तरह से कोलेस्ट्रॉल बनता है. एक भोजन से और दूसरा लिवर खुद बनाता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक तरफ कोलेस्ट्रॉल जितना हमारे शरीर के लिए जरूरी है, दूसरी तरफ अगर यह ज्यादा बनने लगे तो उतना ही नुकसानदेह भी है. लो डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बहुत घातक कोलेस्ट्रॉल होता है.

अगर यह हमारे खून में 100 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर से ज्यादा हो जाए तो जान का दुश्मन बन जाता है. सबसे मुश्किल बात यह है कि जब इसकी मात्रा बढ़ती है तब इसका पता भी नहीं चलता. इसलिए अधिकांश लोग इस बात से नजरअंदाज रहते हैं. इसका नतीजा अचानक हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रूप में सामने आ जाता है.

यह किस तरह की दवा है

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जब ज्यादा होने लगता है तो यह खून की धमनियों में पहुंचने लगता है जिससे खून हार्ट तक सही तरीके से नहीं पहुंचता. वर्तमान में इसकी जो दवा है वह कोलेस्ट्रॉल को कम नहीं करता लेकिन इसे और अधिक बढ़ने से रोकता है. पर अब केईएम अस्पताल मुंबई में एक नई दवा का ट्रायल चल रहा है. इस दवा का नाम Inclisiran है. ट्रायल में इसका परिणाम बहुत सकारात्मक रहा है. इस दवा से कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने का दावा किया जा रहा है. ट्रायल होने के बाद जल्द ही इस दवा को अब डीसीजजीआई को मंजूरी मिलने वाली है. यह इंजेक्शन के रूप में है जिसे साल में दो बार दिया जाता है, इसकी कीमत 2.5 से 3 लाख रुपये तक है.

कैसे काम करता है यह इंजेक्शन

फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि इंस्लीसीरान का ट्रायल चल रहा है और इसका परिणाम बहुत अच्छा रहा है. यह शेफ है. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि इंस्लीसीरान से पहले भी हमारे पास दवाइयां है. एक दवा रिपाथा होती है. लेकिन इस इंजेक्शन को महीने में दो बार लिया जाता है. इन दवाइयों से एलडीएल 50 प्रतिशत कम हो जाता है. जाहिर है इसके बाद हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होगा ही.

उन्होंने बताया कि यह दवा मुख्य रूप से लिवर में बनने वाले पीसीएसके 9 प्रोटीन को आगे बढ़ने से रोक देता है. पीसीएसके 9 प्रोटीन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के सिंथेसिस को बढ़ा देता है. यानी यही प्रोटीन गंदे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है. इंस्लीसीरान पीसीएसके 9 प्रोटीन के पाथवे यानी रास्ते को ही रोक देता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बनना बंद हो जाता है. उन्होंने बताया कि यदि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल में 1 मिलीग्राम की कमी होती है तो हार्ट डिजीज का खतरा 2 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button