स्लीप डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण तो साधारण होते हैं लेकिन कई बार उनसे परिणाम गंभीर हो जाते हैं। स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑर्डर यानी नींद से जुड़ा एक विकार है। इसमें सोते समय मरीज की सांस बार-बार रुकती है। ऐसा आमतौर पर होता है, जब किसी कारण से सोते समय ऊपरी वायु मार्ग में रुकावट आने लगती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में स्लीप एपनिया के मामले कम देखे जाते हैं, लेकिन इनके लक्षणों की पहचान करना मुश्किल होता है। ज्यादातर महिलाओं में स्लीप एपनिया की स्थिति इसलिए गंभीर हो जाती है, क्योंकि इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
इन लक्षणों को कतई न करें इग्नोर
रात को मुंह सूखना
नींद के दौरान जब ऊपरी वायुमार्गों में रुकावट होने लगती है, तो इस कारण से कई बार हम मुंह खोलकर सांस लेने लगते हैं। इस कारण से मुंह सूखने लगता है। लेकिन मुंह खोलकर सांस लेने के कारण भी पूरी तरह से सांस नहीं आ पाती और मरीज थोड़ी देर बाद ही सूखे मुंह के साथ उठता है। महिलाओं में ऐसे लक्षण आमतौर पर स्लीप एपनिया के दौरान ही देखे जाते हैं।
हांफते हुए उठना
स्लीप एपनिया के दौरान मरीज के ऊपरी श्वसन तंत्र की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं और लटकने लगती है, जिस कारण से श्वसन मार्गों में रुकावट आने लगती है। रुकावट के कारण सांस की हवा जाने व निकलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती है और इसी कारण से कई बार हवा की कमी के कारण मरीज हांफते हुए नींद से जागता है। ऐसे लक्षणों में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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बुरे सपने आना
जब हम किसी कारण से ठीक से सो नहीं पाते हैं, तो इसके कारण भी हमें बुरे सपने आने लगते हैं। स्लीप एपनिया के कारण कई बार सोते समय थोड़ा-थोड़ा दम घुटने लगता है और इस कारण से बुरे सपने भी आने लगते है। महिलाओं में कई बार स्लीप एपनिया के कारण बुरे सपने आने लगते हैं और सपने में भी सांस न ले पाना, पानी में दम घुटने जैसी चीजें ही दिखते हैं।
तेज खर्राटे आना
कुछ महिलाओं व पुरुषों को रात के समय खर्राटे मारने की आदत होती है। लेकिन कई बार खर्राटे मारने की आदत किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जैसे स्लीप एपनिया। हालांकि, देखा गया है कि स्लीप एपनिया के दौरान मारे जाने वाले खर्राटे आमतौर पर काफी तेज होती हैं और ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच करा लेनी चाहिए। हालांकि, जरूरी नहीं है कि खर्राटे मारना स्लीप एपनिया का ही संकेत हो, लेकिन डॉक्टर से इसकी पुष्टि होना जरूरी है।
दिन में नींद आना
स्लीप एपनिया के ग्रसित महिलाएं आमतौर पर रात को ठीक से सो नहीं पाती हैं या बार-बार वे नींद से जागने लगती हैं, जिस कारण से रात को उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है और दिन में इसके कारण नींद आती है। रात को पूरी तरह से नींद न आने के कारण दिन में नींद आना, सुस्ती, थकान या कमजोरी जैसा महसूस होने के लक्षण देखे जा सकते हैं, जिन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए।