Covid Variant XEC Details: कोरोना वायरस यानी कोविड -19 अपने एक नए वेरिएंट XEC के साथ लौट है। कई यूरोपीय देशों में संक्रमण में मामलों में उछाल दर्ज किया जा रहा है। सैंपल जांच के ज्यादातर रिपोर्ट्स में कोरोना के इस नए एक्सईसी वेरिएंटस की पुष्टि की जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस अपनी प्रकृति के अनुसार जिंदा रहने के लिए लगातार म्यूटेट होते रहते हैं, इसी क्रम में कोरोना में फिर से नए म्यूटेशन देखे जा रहे हैं। इस नए वेरिएंट की प्रकृति को अध्ययनों की शुरुआती रिपोर्ट्स में काफी संक्रामक बताया जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, कोरोना वायरस के प्रोटीन में कुछ नए बदलाव देखे गए हैं, जो इसे अब और भी संक्रामक बना रहे हैं। यही कारण है कि जून में सबसे पहले इस नए वेरिएंट की पहचान की गई थी और अब ये देखते ही देखते करीब 27 देशों में फैल गया है। सभी लोगों को एक बार फिर से कोरोना से बचाव के लिए जरूरी उपायों का पालन शुरू कर देना चाहिए। आइए एक्सईसी वेरिएंट और इसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से समझते हैं।
जर्मनी में की गई थी XEC वेरिएंट की पहचान | Covid Variant XEC
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जून के महीने में सबसे पहले जर्मनी में XEC वेरिएंट की पहचान की गई थी। अब इसके मामले यूके, यूएस, डेनमार्क और कई अन्य देशों में भी सामने आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोविड का ये वेरिएंट अधिक संक्रामकता वाला हो सकता है। कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ एरिक टोपोल ने मीडिया के माध्यम से बताया है, ये नया वेरिएंट निश्चित ही दिक्कतें बढ़ रहा है। अगस्त के महीने में कई यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट से संक्रमण की दर बहुत अधिक देखी गई, देश में कोविड केसों के 10 प्रतिशत से अधिक सैंपल में ये नया वेरिएंट पाया गया था। जिस गति से ये बढ़ रहा है वो वास्तव में चिंताजनक है।
एक हाइब्रिड वेरिएंट एक्सईसी| Covid Variant XEC
एक्सईसी वेरिएंटस अभी नया है इसलिए इसके बारे में ज्यादा नहीं समझा जा सका है। हालांकि, शुरुआती अध्ययनों के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि एक्सईसी एक हाइब्रिड वेरिएंट है। ये पिछले दो साल से दुनियाभर में प्रमुख रूप से देखे जा रहे ओमिक्रॉन का ही नया सब-वेरिएंट है। इसे पहले के KS.1.1 और KP.3.3 वेरिएंट का संयुक्त रूप माना जा रहा है। दो अलग-अलग वेरिएंट के एक साथ मिलने के कारण संभवत: इसकी संक्रामकता दर अधिक हो सकती है।
नए वेरिएंट की संक्रामकता दर अधिक | Covid Variant XEC
रिपोर्ट्स के मुताबिक दो-तीन महीनों के भीतर ही एक्सईसी वेरिएंटस 27 से अधिक देशों में फैल गया है। इसके ज्यादातर मामले मुख्य रूप से यूरोप में रिपोर्ट किए गए हैं। तीन सितंबर तक अमेरिका में एक्सईसी के कारण 23 मामलों की पहचान की गई थी। डेनमार्क-जर्मनी में भी कोरोना के अधिकतर मामलों के लिए इसे ही जिम्मेदार माना जा रहा है। इससे संकेत मिलता है कि नए वेरिएंट की संक्रामकता दर काफी अधिक हो सकती है।
पिछले कोविड वेरिएंट्स के समान ही हैं लक्षण | Covid Variant XEC
अभी तक इस वेरिएंट के कारण बीमारी के लक्षणों में कोई खास बदलाव नहीं सामने आया है। वैज्ञानिक कहते हैं, फिलहाल इसके लक्षण पिछले कोविड वेरिएंट्स के समान ही हैं। ज्यादातर संक्रमितों को बुखार, गले में खराश, नाक बंद होना या बहने, खांसी, गंध न आने, मतली या उल्टी, भूख न लगने और शरीर में दर्द जैसी दिक्कतें हो रही हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, ओमिक्रॉन की प्रकृति गंभीर रोगों वाली नहीं रही है ऐसे में नए वेरिएंट के कारण भी गंभीर जोखिम कम हैं। हालांकि यह कहना बहुत जल्दबाजी है, हमें यह देखने के लिए थोड़ा और डेटा चाहिए कि इसके कारण शरीर पर किस तरह से असर हो रहा है?
वैक्सीनेशन ही बचाव का एकमात्र कारगर तरीका | Covid Variant XEC
वैज्ञानिकों ने कहा, म्यूटेशन के साथ नए वेरिएंट्स में शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देकर संक्रमण फैलाने वाले गुण देखे जाते रहे हैं। हालांकि वैक्सीनेशन अब भी इनसे बचाव का एकमात्र कारगर तरीका है। टीके अभी भी गंभीर मामलों को रोकने में मदद करते हैं, इसलिए कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को एक और बूस्टर शॉट दिया जाना चाहिए है। कोरोना के अपडेटेड टीके उपलब्ध हैं जो ओमिक्रॉन और इसके सब-वेरिएंट्स के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।