MonkeyPox Infection: वर्तमान समय में दुनिया के कई देश मंकीपॉक्स संक्रमण को झेल रहे हैं। अफ्रीकी देशों से शुरू हुई ये मुसीबत यूएस-यूके सहित कई एशियाई देशों की भी परेशानी बढ़ा रही है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में संक्रमण का पांचवा मामला सामने आया है। मंकीपॉक्स संक्रमण गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए। शायद यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित’ किया है। भारत भी अलर्ट मोड पर है, फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं। आइए आपको बताते हैं कि मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ ने दी दस्तक | MonkeyPox Infection
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था। इस बीच भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को संक्रमण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय ने एमपॉक्स कैसे फैलता है और संक्रमण की स्थिति में क्या करें, इस बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स | MonkeyPox Infection
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया, एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
मंत्रालय ने बताया, कुछ स्थितियों में संक्रमण का असर दो-चार सप्ताह तक रह सकता है। हालांकि अगर मरीजों का समय पर निदान होकर सहायक उपचार मिल जाए तो उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यदि किसी में लक्षण दिखाई दें या संक्रमित रोगियों के संपर्क में आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संदिग्ध मामलों की सूचना देने के लिए इस लिंक पर क्लिक करने के लिए भी अपील की गई है।
क्या है मंकीपॉक्स का उपचार? | MonkeyPox Infection
मंकीपॉक्स के उपचार के लिए अब तक कोई विशिष्ट दवा तो नहीं है हालांकि इसके कुछ टीकों पर अध्ययन जरूर चल रहा है। एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट (TPOXX) जो मूल रूप से चेचक के लिए है, इसका एमपॉक्स के उपचार के लिए अध्ययन किया जा रहा है। यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में गंभीर एमपॉक्स मामलों के लिए जेएनएनईओएस (जिसे इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के रूप में भी जाना जाता है) नामक चेचक के टीके को भी मंजूरी दी है।
मंकीपॉक्स के क्या है लक्षण? | MonkeyPox Infection
मंकीपॉक्स से जुड़ी जो जानकारी डब्ल्यूएचओ ने शेयर की है उसके अनुसार इसके कुछ कॉमन लक्षण है। इन लक्षणों में दर्दनाक चकत्ते, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, बुखार, सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों और पीठ दर्द शामिल हैं। मंकीपॉक्स के मामले में आपको कई कर तरह के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार जिन लोगों को मंकीपॉक्स हो रहा है उनमें से ज्यादातर लोग ठीक हो रहे हैं वहीं, कुछ लोगों के मामले में यह एक गंभीर बीमारी बनकर सामने आ रही है। मंकीपॉक्स के लक्षणों की अगर बात करें तो इनमें फीवर, सिरदर्द और चकत्ते आने से पहले लिम्फ नोड्स में सूजन होने से शुरू होते हैं। वहीं, चकत्तों की बात करें तो मंकीपॉक्स के घाव ज्यादा बड़े होते हैं।
मंकीपॉक्स वायरस ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित | MonkeyPox Infection
डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने इस बीमारी को अपने यहां पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। मंकीपॉक्स के लागातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ये अहम फैसला लिया गया है। कुछ साल पहले दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़े थे। तब अमेरिका से लेकर यूरोप और भारत में भी इस बीमारी के केस सामने आए थे। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्तर पर बड़ा खतरा बताया था। अब फिर से इस वायरस के केस बढ़ रहे हैं।