नशे के तौर पर दवाओं का दुरुपयोग बढ़ने पर औषधि नियत्रंण विभाग ने कुछ दवाओं की लिमिट तय कर दी है। कई लोग इन दवाओं का दुरुपयोग करने में लगे हुए थे। कई लोग जाने-अनजाने में नशे वाली दवाओं का उपयोग करते हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर विभाग ने इन दवाओं पर नियंत्रण लगाने आदेश जारी किया। जिसमें विभिन्न रोगों के निदान में काम आने वाली 14 तरह की दवाओं की लिमिट तय की है। साथ ही इन पर नियंत्रण के लिए होलसेलर व रिटेलर दवा विक्रेताओं के स्टॉक और बिलिंग की लिमिट तय कर दी है। इस आदेश के बाद दवा विक्रेता न तो निर्धारित सीमा से अधिक दवा का स्टॉक कर पाएंगे और न उनका बिल जारी कर सकेंगे।
विक्रेताओं को करना होगा यह काम
कई रिटेलर होलसेल से एक बिल पर खूब दवाइयां ले सकते थे, लेकिन वे अब नहीं ले पाएंगे। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर 30 दिन से अधिक की दवा नहीं दे सकेंगे। दवा विक्रेताओं को खरीद-फरोख्त की सूचना विभाग को भेजनी पड़ेगी। कई दवा ऐसी हैं, जिन्हें दवा विक्रेता दो हजार कैप्सूल से अधिक की बिलिंग नहीं कर सकते हैं। वहीं, होलसेलर दवा विक्रेता 10 हजार से अधिक का स्टॉक नहीं रख सकते हैं। इसके अलावा प्रतिदिन 200 कैप्सूल, टेबलेट या इंजेक्टेबल का बिल जारी नहीं कर पाएंगे। वहीं, रिटेलर दवा विक्रेता कोडिंग की 100 बोतल रख सकता है और रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की पर्ची पर वह बेच सकता है। यदि उसको कोडिंग की बोतल की और जरूरत पड़ती है तो उसे विभाग में 2 साल का रेकार्ड पेश करना होगा। वहीं, थोक विक्रेता एक हजार से अधिक का स्टॉक नहीं रख सकेंगे।
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इन दवाओं की लिमिट तय
औषधि नियंत्रण विभाग में कोडीन, डाइफेनोऑक्सलेट, पेंटाजोसिन, ब्यूप्योरोफाइन, क्लोर डाइजिप्रोक्साइट, नाइट्राजिपाम, डाइजिपाम, एल्फ्राजोलाम, क्लोनाजिपाम, ट्रेमाडोल, इटीजोलाम, प्रेपेन्टाडोल, प्रीगाबालिन, गाबापेंटिन।
जिले में कई दवा स्टोर पर कार्रवाई
कोटा जिले में 1316 रिटेल दवा दुकान है। 1029 होलसेलर है। ड्रग लाइसेंस की आड़ में बिना बिल की दवा बेचने वालों पर विभाग कार्रवाई भी कर रहा है। नशे की अवैध रुप से दवा बेचने के मामले में कोटा ड्रग डिपार्टमेंट ने हाल ही में श्रीपुरा स्थित वर्षा मेडिकल स्टोर व चामुंडा फार्मा छावनी के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। वहीं, सीमल्या में श्रीगोविंद मेडिकल स्टोर व फस्ट चॉइस मेडिलाइन श्याम विहार कॉलोन नयाखेड़ा की एनडीपीएस गोलियां बेचने की अनुमति हटा ली है।
इससे ज्यादा नहीं रख सकेंगे स्टॉक
कोटा केमिस्ट एसोसिएशन के संगठन सचिव नरेश कुकरेजा ने बताया कि ड्रग डिपार्टमेंट ने नशे की 14 तरह की दवाइयों पर खरीद, बेचने व स्टॉक की सीमा तय की है। कुछ दवा का होलसेलर दस हजार से ज्यादा का स्टॉक नहीं रख सकते। इसके अलावा दो सौ कैप्सूल, टैबलेट और इंजेक्शन का प्रतिदिन बिल जारी कर सकते है। रिटेलर 1000 से अधिक का स्टॉक नहीं रख सकते और न ही बिना राजस्थान मेडिकल प्रैक्टिश्नर की पर्ची के बिना बेच सकते है।
सहायक औषधि नियंत्रक अधिकारी प्रहलाद मीणा ने बताया कि बिना चिकित्सक सलाह व पर्ची के बिना यदि नशे की दवा बेचना सामने आया तो उक्त फर्म के खिलाफ एनडीपीएस में मामला दर्ज कर उसका ड्रग लाइसेंस निरस्त कर सकते है। सभी फर्म को आदेश की पालना करनी होगी।