कोरोना का वैश्विक स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है। विशेष तौर पर इन दिनों ओमिक्रॉन के नए JN.1 वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना का ये नया वैरिएंट 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। सिंगापुर-अमेरिका जैसे देशों में एक और संभावित लहर को लेकर आशंका जताई जा रही है।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट करते हुए बताया कि पिछले महीने क्रिसमस और फिर नए साल की छुट्टियों के दौरान इकट्ठा हुई भीड़ के चलते वायरस और बढ़ गया है। संक्रमण के कारण दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें भी हुईं हैं।
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना से सभी लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। वैक्सीनेशन, मास्क जैसे प्रभावी उपायों के साथ शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया है कि कोरोना से बचाव के लिए क्या खाएं-क्या नहीं?
आहार और कोविड-19 का क्या संबंध
कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए, शोधकर्ता सभी लोगों को वायरस से सुरक्षित रहने के लिए उपाय करने की अपील करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर के साथ आहार की पौष्टिकता पर ध्यान देना सभी के लिए जरूरी है।
शरीर की इम्युनिटी बढ़ाकर कोरोना के जोखिमों से बचाने में प्लांट बेस्ड डाइट के सेवन को लाभकारी पाया गया है। ब्राजील स्थित डी साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि पौधों पर आधारित आहार का सेवन-शाकाहारी भोजन कोविड-19 के खतरे को 39 प्रतिशत तक कम कर सकती है।
अध्ययन में क्या पता चला?
अध्ययन में 700 से अधिक वयस्कों (424 सर्वाहारी और 278 प्लांट बेस्ड डाइट) को शामिल किया गया। प्रतिभागियों में उनके खाने के पैटर्न, आहार के साथ-साथ जीवनशैली और मेडिकल हिस्ट्री, कोविड टीकाकरण के बारे में सर्वेक्षण किया गया था। कुल मिलाकर, 47 प्रतिशत या 330 लोगों ने बताया कि उनमें कोविड का संक्रमण हुआ था। इनमें से 32 प्रतिशत (224) में हल्के और 15 प्रतिशत (106) में मध्यम से गंभीर लक्षण थे।
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इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि सर्वाहारी लोगों में प्लांट बेस्ड डाइट वालों की तुलना में कोविड के मामले अधिक दर्ज किए गए। सर्वाहारी लोगों में संक्रमण का खतरा जहां 52 प्रतिशत था वहीं प्लांट बेस्ड डाइट वालों में कोरोना के जोखिम 40 प्रतिशत रिपोर्ट किए गए।
क्या कहते हैं शोधकर्ता?
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल न्यूट्रिशन प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जो लोग सप्ताह में तीन बार से अधिक मांस का सेवन करते हैं, उनमें प्लांट बेस्ड या शाकाहारी भोजन करने वालों की तुलना में कोविड-19 के मामले अधिक दर्ज किए जाते रहे हैं।
प्लांट बेस्ड डाइट कोरोना में किस प्रकार से लाभकारी हैं, इसपर किए गए शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि सब्जियों, फलों और नट्स का अधिक और मांस का कम सेवन शरीर को संक्रामक रोगों से बचाने में लाभकारी हो सकता है।
इन दो चीजों का कम करें सेवन
शोधकर्ताओं ने लिखा, “पौधों पर-आधारित आहार पैटर्न, एंटीऑक्सीडेंट, फाइटोस्टेरॉल और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक पाए गए हैं। इस तरह के आहार में एंटीवायरल गुण भी प्रदर्शित होते हैं जो संक्रामक रोगों के खतरे से सुरक्षा देने में मददगार हैं।
इसके अलावा एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि हाई फैट वाली चीजें प्रतिरक्षा प्रणाली पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं, जिससे कोविड का खतरा बढ़ जाता है। अधिक वसा वाले आहार का सेवन करने वालों में कोरोना का खतरा भी अधिक हो सकता है। संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए हाई फैट डाइट और मांसाहार का सेवन कम किया जाना चाहिए।