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कोरोना का नया XEC Variant कितना खतरनाक है, क्या भारत में भी है इससे खतरा?

Covid-19 Variant XEC: कोरोना महामारी ने दुनियाभर में जो तबाही मचाई, उसे शायद ही कोई भूल पाया होगा। अभी भी इस खतरनाक वायरस का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक कोरोना के आ रहे वैरिएंट ने स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। अब यूरोप में कोरोना का एक और नया वैरिएंट एक्सईसी (New Covid XEC Variant) तेजी से फैल रहा है। पहली बार जून, 2024 में यह जर्मनी में मिला था, जो अब तक 13 से अधिक देशों में पहुंच चुका है।

नया स्ट्रेन ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स KS.1.1 और KP.3.3 का मिला रूप बताया जा रहा है। KS.1.1 ही FLiRT वैरिएंट है, जो दुनिया में कोविड के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार माना गया है। ऐसे में कोरोना का नया वैरिएंट कितना खतरनाक हो सकता है और इसे लेकर क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इसके बारे में जानते हैं…

क्‍या है कोरोना का XEC वैरिएंट? (What is Covid XEC Variant)

कोरोना का XEC वैरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो सब-वैरिएंट्स, KS.1.1 और KP.3.3 का मिला रूप बताया जा रहा है। दोनों सब-वेरिएंट्स पहले से ही दुनिया की चिंता का कारण बने हैं, लेकिन दोनों के मिलने से एक नए वैरिएंट का जन्म होना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक हो सकता है।

नया वैरिएंट कितना खतरनाक?

एक्‍सईसी वैरिएंट कितना खतरनाक है, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है, लेकिन वैज्ञानिक इसे लेकर चिंता जरूर जाहिर कर रहे हैं। इसके अधिक संक्रामक होने की आशंका है। अगर ऐसा हुआ तो यह तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह तेजी से कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि हो सकता है कि XEC वैरिएंट मौजूदा कोविड-19 वैक्सीनों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बना ले।

सीडीसी के अनुसार, XEC वेरिएंट के केस यूरोप, उत्तरी अमेरिका में रिपोर्ट किए गए हैं. एक्सईसी वेरिएंट के केस पौलैंड, नॉर्वे, लक्ज़मबर्ग, यूक्रेन, पुर्तगाल, अमेरिका और चीन सहित 27 देशों में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले यूरोप के देशों में दर्ज किए जा रहे हैं। इस वेरिएंट में लगातार म्यूटेशन हो रहा है और आने वाले दिनों में केस बढ़ने की आशंका है।

XEC Variant से क्या सावधानी रखें?

कोरोना के एक्सईसी वैरिएंट को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिए। यही इससे बचाव का एकमात्र तरीका है। इसके अलावा पहले के कोविड के ऐहतियात को बरतें, जैसे- भीड़ में मास्क लगाएं, उचित दूरी बनाकर रखें, साफ-सफाई का ख्याल रखें। इससे वायरस को बढ़ने से रोका जा सकता है।

कोरोना के XEC वैरिएंट को समझें

यह वैरिएंट ओमिक्रॉन से जुड़ा है और यूरोप, उत्तरी अमेरिका, एशियार में तेजी से फैल रहा है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि XEC के साथ कुछ नए म्यूटेशन आते हैं, जो इस मौसम में फैल सकते हैं। हालांकि, वैक्सीनेशन से इन्हें रोका जा सकता है।

नए वैरिएंट के लक्षण जुकाम और इन्फ्लुएंजा जैसी सामान्य बीमारियों जैसे हो सकते हैं।

इस वायरस के अटैक से लोग एक-दो हफ्ते में ठीक हो सकते हैं। कुछ लोगों को रिकवर होने में समय भी लग सकता है और अस्पताल भी जाना पड़ सकता है।

यूके NHS का कहना है कि नया वैरिएंट फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। इसमें तेज बुखार, कंपकंपी, लगातार खांसी आना, सांस लेने में दिक्कत होना, थकान, बदन दर्द, भूख कम होना शामिल है।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ?

महामारी विशेषज्ञ डॉक्‍टर जुगल किशोर बताते हैं कि XEC वेरिएंट कोई नया कोविड वेरिएंट नहीं है। यह कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट का ही सब वेरिएंट है। ऐसे में घबराने वाली कोई बात नहीं है। कोविड वायरस का गंभीर असर अब कम हो चुका है। वायरस खुद को जिंदा रखने की कोशिश करता है तो नए-नए सब वेरिएंट आ जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है की अब कोरोना से कोई गंभीर खतरा होगा। कोविड का वैक्सीनेशन बड़े स्तर पर हो चुका है। वायरस की मारक क्षमता भी कम हो चुकी है। ऐसे में अब कोविड के इस सब वेरिएंट से किसी प्रकार का रिस्क होने या कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ने की आशंका नहीं है। इस वेरिएंट से इन्फ्लूएंजा और सामान्य सर्दी जैसे लक्षण हो सकते हैं। अगर कोई संक्रमित होता है तो वह कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाएगा।

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