पोषण

इलेक्ट्रिक राइस कुकर का इस्तेमाल सही या गलत, जानें विशेषज्ञ की राय

बहुत सारे लोग चावल को मुख्य भोजन के तौर पर खाते हैं। विटामिन और मिनरल से भरपूर चावल आहार को हेल्दी बनाते हैं। इन दिनों पारंपरिक राइस कुकर के अलावा, इलेक्ट्रिक राइस कुकर भी काफी लोकप्रिय हो गया है। दरअसल, इलेक्ट्रिक से चलने वाला यह कुकर खाने के लिए समय पर गर्म और ताज़ा चावल दे देता है। कुछ लोग इस कुकर के बारे में यह मान चुके हैं कि इलेक्ट्रिक राइस कुकर में पका चावल हेल्दी नहीं होता है। इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। तो चलिए विशेषज्ञ से जानते हैं कि इलेक्ट्रिक कुकर के बारे में कही गई बात गलत है या इसके पीछे किसी तरह की कोई सच्चाई है?

कितना टॉक्सिक हो सकता है राइस कुकर

इन दिनों चावल पकाने के लिए दो तरह के कुकर इस्तेमाल किये जा रहे हैं- पारम्परिक और इलेक्ट्रिक कुकर। पारम्परिक हों या इलेक्ट्रिक कुकर यदि उन पर नॉन स्टिक कोटिंग की गई है, तो यह हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए चुनाव करते समय नॉन टॉक्सिक राइस कुकर को प्रायोरिटी देना जरूरी है। इन्हें विशेष रूप से हानिकारक रसायनों के उपयोग को खत्म करने या कम करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये कुकर लेड, कैडमियम जैसे विषाक्त पदार्थों और पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड (PFOA) और पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFI) युक्त नॉन-स्टिक कोटिंग से मुक्त होते हैं।

क्या हानिकारक हो सकते हैं कुकर केमिकल

इलेक्ट्रिक राइस कुकर हों या पारंपरिक चावल कुकर, इनमें अक्सर ऐसे घटक होते हैं, जो पके हुए चावल में हानिकारक रसायन छोड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए कुछ राइस कुकर में आंतरिक बर्तन एल्यूमीनियम से बने हो सकते हैं। इन पर पीएफओए और पीटीएफई युक्त नॉन-स्टिक सामग्री का कोट चढ़ा हो सकता है।

खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान ये रसायन संभावित रूप से चावल में स्थानांतरित हो सकते हैं। इस चावल का यदि नियमित रूप से सेवन किया जाये, तो स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं।

एवॉइड करें एल्यूमीनियम कुकर

इलेक्ट्रिक कुकर हो या पारम्परिक राइस कुकर, इस पर पकाया गया खाना तब तक स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है, जब तक इसमें इस्तेमाल की गई सामग्री पौष्टिक हो। राइस कुकर का उपयोग चावल पकाने के साथ-साथ सब्जियों या प्रोटीन को भाप देने के लिए किया जाता है, जो संतुलित आहार का हिस्सा हो सकता है।

क्या बीमारियां हो सकती हैं

असल में इलेक्ट्रिक राइस कुकर में पकाया गया चावल पारम्परिक प्रेशर कुकर में पकाए गए चावल जितना ही अच्छा हो सकता है। इसमें अंतर केवल खाना पकाने के साधन का है। यदि दोनों तरह के बर्तन एल्यूमीनियम के हैं, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एल्युमीनियम में खाना पकाने से कई अन्य बीमारियां जुड़ी होती हैं। किडनी की धीमी कार्यप्रणाली, एक्जिमा, अपच, कमजोर बोन और यहां तक कि दौरे भी।

क्यों नहीं इस्तेमाल करने चाहिए नॉन-स्टिक कोटिंग वाले कुकर

नॉन-स्टिक कोटिंग वाले कुकर में चावल के विटामिन, मिनरल और आहार फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्व खो सकते हैं। दूसरी ओर, बिना किसी कोटिंग वाले कुकर यह सुनिश्चित करते हैं कि ये पोषक तत्व संरक्षित हैं। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्यवर्धक भोजन बनता है।

क्या कैंसर कारक हो सकता है कुकर

अभी तक कोई भी रिसर्च यह साबित नहीं कर पाया है कि इलेक्ट्रिक प्रेशर कुकर में पके चावल कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसलिए इसे सच नहीं माना जा सकता। चावल स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ है, जो हाई टेम्प्रेचर पर एक्रिलामाइड बनाते हैं। इंटरनेशनल एजेंसी फोर रिसर्च ऑन कैंसर और अमेरिका का नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम और स्वास्थ्य सेवा विभाग इस बात पर जोर देता है कि हाई टेम्पेरेचर पर अधिक देर तक पकाया जाने वाला स्टार्ची फ़ूड एक्रिलामाइड बनाता है और यह केमिकल कैंसरकारी हो सकता है।

चावल पकाने का हेल्दी तरीका

  • रसायनों से बचने के लिए स्टेनलेस स्टील या सिरेमिक से बने आंतरिक बर्तन वाले कुकर का इस्तेमाल करना ही बेहतर होगा।
  • हालांकि चावल पकाने के लिए पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल उसे और ज्यादा हेल्दी बना सकता है।
  • इसमें चावल को पकाने से पहले कम से कम आधा घंटे के लिए भिगोकर रखें। इसके बाद चावल को ढेर सारे पानी के साथ खुले बर्तन में पकाएं।
  • चावल पकने के बाद बचे हुए पानी को निकाल देने से फैट बढ़ने की संभावना भी कम हो जाती है।

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