स्वास्थ्य और बीमारियां

ताड़ी की मदद से बन रही Depression की दवा, दिमाग का कर देगी ऐसा हाल

उत्तर प्रदेश में डिप्रेशन की नकली दवा की फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है. जरा-जरा सी चिंता पर डिप्रेशन की दवा लेने वालों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. अब तक अल्प्राजोलम की टैबलेट ही पकड़ी जाती रही है लेकिन यह पहला मौका है जब स्पेशल सेल ने इसकी अवैध फैक्ट्री को ही पकड़ लिया है. जहां ताड़ी से डिप्रेशन की दवा बनाई जा रही थी.

पिछले साल नवंबर में ही अल्प्राजोलम की 68,00 टैबलेट पकड़ी गई थीं, जिसकी कीमत 2 करोड़ से भी ज्यादा थी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर इसी तरह नकली दवाईयां मार्केट में आएंगी और इसका सेवन बढ़ेगा तो सेहत पर कितना बुरा असर पड़ सकता है. तो चलिए जान लेते हैं कि डिप्रेशन की नकली दवा दिमाग और ओवरऑल हेल्थ पर क्या साइड इफेक्ट्स छोड़ सकती है.

ताड़ी से बन रही डिप्रेशन की दवा

आरोपियों ने बताया कि पाम वाइन यानी ताड़ी का नशा बढ़ाने के लिए उसमें डायजेपाम मिलाता था. जिसके बाद उसकी ताड़ी की बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ गई. फिर बाजार में खुले तौर पर डायजेपाम बेचने पर रोक लग गई, जिससे ताड़ी की सेल कम हो गई. तब एक साल पहले ताड़ी में अल्प्राजोलम मिलाने का फैसला लिया, जिसका असर दिखा और उसकी बिक्री फिर से बढ़ गई. तब से नकली डिप्रेशन की दवा बनाने का सिलसिला चलने लगा.

अल्प्राजोलम का दिमाग पर बुरा असर

डिप्रेशन के इलाज में अल्प्राजोलम कारगर मानी जाती है. सीनियर साइकेट्रिस्ट सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक, इस तरह की नकली दवाइयां दिमाग पर गहरा असर डालती हैं. इसके अलावा ब्रेन के न्यूरो सिस्टम पर असर डालती है. खासकर ऐसे मेंटल मरीजों को जो ज्यादा हिंसक हो जाते हैं. इस दवा को लेने के बाद वे शांत हो जाते हैं और उन्हें नींद आती है.

डिप्रेशन की दवा के साइड इफेक्ट्स

ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि एंटी डिप्रेशन की दवा इंसान को कुंद बना सकती है. वह कभी खुशी और कभी गम महसूस करता रहता है.

अध्ययन के अनुसार, डिप्रेशन की दवा लेने वाले किसी भी चीज का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं. उनकी सभी भावनाएं अंदर ही दब जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि एंटी डिप्रेशन की दवाईयां फील गुड हार्मोन सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ा देता है, जिसके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. ऐसे लोगों में उत्साह ही नहीं बचता है. उनका दिमाग सही तरह चीजों को पहचान नहीं पाता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नकली डिप्रेशन की दवा दिमाग को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. यह बहुत ही ज्यादा ताकतवर ड्रग्स है, जिसकी ज्यादा डोज जान भी ले सकती है.

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