”जो डर गया, सो मर गया”.गब्बर सिंह वाला ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। लाइफ की थ्योरी भी यही है ”जहां डर खत्म होता है वहीं से जिंदगी शुरू होती है”। लेकिन कई बार ये कंडीशन अप्लाई हो जाती है और कई बार सलामती के लिए थोड़ा डरना जरुरी हो जाता है। ठंड के मौसम में ‘हाइपो-थर्मिया’ जैसी मामूली परेशानी भी बड़ी हेल्थ इमरजेंसी बन सकती है और ये हम नहीं कह रहे हैं देश का सबसे बड़ा हेल्थ इन्स्टीट्यूट एम्स कह रहा है।
एम्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त 60% छोटे बच्चे ठंड से बीमार हो रहे हैं। हाल ये है कि ‘हाइपो-थर्मिया’ से बचाव के लिए AIIMS को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है। अब आपके लिए ये समझना जरूरी है कि ‘हाइपो-थर्मिया’ है क्या? सर्दियों के मौसम में टेम्परेचर में गिरावट आती है और इसकी वजह से हमारे शरीर का तापमान भी गिरता है। लेकिन जब ये 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है तो सेहत के लिए खतरा बन जाता है क्योंकि बॉडी का नॉर्मल टेम्परेचर 37 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
और जब ये कंडीशन बनती है तो शरीर में बहुत तेज कंपकंपी और थकान महसूस होती है और ऐसे में हाथों का फड़कना, ज्यादा नींद आना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसका सीधा असर दिल और नर्वस सिस्टम के फंक्शन पर पड़ता है। कई बार तो इंसान की जान तक चली जाती है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण
- बदन दर्द
- सांसें तेज
- लगातार छींकना
- सिर में भारीपन
- सीने में जकड़न
- आंखों से पानी आना
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बॉडी में आयरन बढ़ेगा, कोल्ड इनटॉलरेंस घटेगा
- पालक
- चुकंदर
- मटर
- अनार
- सेब
- किशमिश
विटामिन B-12 के लिए
- डेयरी प्रोडक्ट
- सोयाबीन
- अखरोट
- बादाम
- ओट्स
शुगर कंट्रोल होगी, सर्दी दूर रहेगी
- 15 मिनट कपालभाति करें
- गिलोय-नीम का काढ़ा पीएं
- खीरा,करेला,टमाटर का जूस लें
- मंडूकासन-वक्रासन पवनमुक्तासन करें
बीपी नॉर्मल रहेगा, खाने में शामिल करें
- खजूर
- गाजर
- अदरक
- टमाटर
- दालचीनी
- किशमिश
कोलेस्ट्रॉल बैलेंस करने के साथ ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाएं
- लौकी का जूस लें
- लौकी का सूप पीएं
- हाई बीपी में खजूर
- लौकी की सब्जी खाएं