स्वास्थ्य और बीमारियां

तेजी से फैल रही हिरन की बीमारी अब इंसानों पर, जानें इसके कारण और लक्षण

दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंता जता रहे हैं कि हिरण में फैलने वाली बीमारी जॉम्बी डियर डिजीज इंसानों पर हमला कर सकता है. अमेरिका से शुरू होकर यह बीमारी अब पूरे उत्तरी अमेरिका में फैल चुकी है और कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया को भी अपने चपेट में ले ली है. इसके साथ स्कैडडिवियाई देश और दक्षिण कोरिया में इसके मामले सामने आए है.

जॉम्बी डियर डिजीज से हिरण के अलावा मूस, एल्क और केरीबाउ जैसे जानवर भी चपेट में आ गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने हिरण के आसपास लोगों के जाने पर सख्त पहरा लगा दिया है. इस बीमारी का वैज्ञानिक नाम chronic wasting disease है. यह एक संक्रामक बीमारी है जिसकी चपेट में आने वाले अन्य जानवर भी मर सकते हैं. यह बेहद तेजी से फैलनी वाली बीमारी है.

क्या हैं कारण और लक्षण

गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने सड़कों पर मरे हिरणों और अन्य जानवरों के टेस्टिंग के आदेश दिए हैं. क्रोनिक वेस्टिंग डिजीज या जॉम्बी डियर डिजीज के लिए प्रोटीन की गलत संरचना जिम्मेदार है. इसमें प्रोटीन अपने सही शेप में फोल्ड नहीं होता. संक्रमण के बाद यह सीधे दिमाग के सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करता है. यह प्रोटीन दिमाग के टिशू और अन्य अंगों में चिपकने लगता है जिससे पूरा सिस्टम खराब होने लगता है.

इस बीमारी में हिरण के मुंह से लार टपकने लगता है और वह भोजन को देखकर भी अनमनयस्क रहता यानी कोई प्रतिक्रिया नहीं देता. वह चलते-चलते लुढकने लगता है. ऐसा लगता है कि उसे खुद पर नियंत्रण नहीं है. वह बहुत ज्यादा सुस्त हो जाता है और किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया नहीं देता.

अब इंसानों पर खतरा

सीडीसी के मुताबिक अब तक जॉम्बी डियर डिजीज के मामले इंसानों में नहीं है. लेकिन जब इस बीमारी से पीड़ित जानवरों के मांस को इंसानों से निकट जानवर जैसे कि चिंपैजी, लंगूर, बंदर आदि खाएंगे तो उनसे यह आसानी से इंसानों में आ सकता है.

बीमारी के लिए ये जिम्मेदार

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह बीमारी एक गलत तरीके से फोल्ड प्रोटीन प्रायोन के कारण होती है लेकिन अब तक इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस प्रोटीन की संरचना में बदलाव के लिए क्या जिम्मेदार है. सामान्य प्रायोन प्रोटीन सेल में सिग्नल भेजन का काम करता है लेकिन जब इसमें गड़बड़ी हो जाती है तब यह अन्य कोशिकाओं को भी गड़बड़ कर देता है. यह दिमाग की कोशिकाओं को मारने लगता है.

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