फ्लेक्सिटेरियन डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें ज़्यादातर फल, सब्जियां, अनाज और दालें जैसी पौधों पर आधारित चीजें खाई जाती हैं, और कभी-कभार ही मांस या मछली का सेवन किया जाता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि फ्लेक्सिटेरियन डाइट, जो आमतौर पर कम मांस और ज़्यादा पौधों पर आधारित होती है, दिल की बीमारी के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है।
क्या है फ्लेक्सिटेरियन डाइट?
फ्लेक्सिटेरियन डाइट को सेमी-वेजिटेरियन डाइट भी कहा जाता है। इसमें ज्यादातर सब्जियां, फल, दालें, अनाज और स्वस्थ वसा जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। जबकि मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों का सेवन बहुत कम या कभी-कभार ही किया जाता है।
रिसर्च में क्या पाया गया?
इस रिसर्च में 25 से 45 साल के 94 लोगों को शामिल किया गया, जो कम से कम एक साल से शाकाहारी, मांसाहारी या
फ्लेक्सिटेरियन डाइट फॉलो कर रहे थे। रिसर्च में पाया गया कि –
- फ्लेक्सिटेरियन और शाकाहारी लोगों में मांसाहारी लोगों की तुलना में दिल की सेहत बेहतर थी।
- फ्लेक्सिटेरियन और शाकाहारी लोगों में कुल कोलेस्ट्रॉल और “बैड कोलेस्ट्रॉल” (LDL) का स्तर कम था।
- शाकाहारी लोगों में खून में शुगर का स्तर भी कम था, हालांकि ये फर्क बहुत ज़्यादा नहीं था।
- फ्लेक्सिटेरियन और शाकाहारी लोगों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा भी कम पाया गया। मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई -बीमारियों का एक समूह है, जिसमें उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और मोटापा शामिल हैं।
इसका मतलब क्या है?
इस रिसर्च से पता चलता है कि फ्लेक्सिटेरियन डाइट अपनाकर आप अपने दिल की सेहत को बेहतर बना सकते हैं। खासकर अगर आप मांसाहारी डाइट फॉलो कर रहे हैं, तो फ्लेक्सिटेरियन डाइट की ओर स्विच करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
हालांकि, ध्यान दें कि –
- यह रिसर्च छोटे स्तर पर की गई थी और इसे बड़े स्तर पर दोहराने की ज़रूरत है।
- हर किसी के लिए एक ही डाइट फायदेमंद नहीं होती। अपने डॉक्टर से बात करें और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से डाइट प्लान चुनें।
- अपने दिल का ख्याल रखें, फ्लेक्सिटेरियन डाइट को आजमाएं।