डाइट और फिटनेस

बच्चेदानी में गांठ हो तो क्या खाना है और क्या नहीं, Dietitian से जानें

गर्भाशय यानि बच्चेदानी में होने वाला फाइब्रॉएड ट्यूमर होते हैं, जो महिला के गर्भ (गर्भाशय) में विकसित होते हैं। ये वृद्धि आमतौर पर कैंसरयुक्त (सौम्य) नहीं होती है। आधुनिक समय में बच्चेदानी में गांठ होना काफी सामान्य है। पांच में से 1 महिला को बच्चे पैदा करने के दौरान बच्चेदानी में गांठ हो सकता है, जिसमें से आधी महिलाओं में 50 की उम्र तक फाइब्रॉएड हो जाते हैं। 20 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में फाइब्रॉएड होना काफी रेयर होता है। यह आमतौर पर 20 वर्ष के बाद ही महिलाओं को हो सकता है। हालांकि, कुछ कारणों से 20 वर्ष की उम्र में भी बच्चेदानी में गांठ की परेशानी हो सकती है, जिसमें शरीर में हार्मोनल बदलाव और जीन परिवर्तन शामिल हैं।

डाइट मंत्रा क्लीनिक की डायटीशियन कामिनी कुमारी का कहना है कि बच्चेदानी में गांठ की परेशानी होने पर खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत होती है। आज हम आपको इस लेख में बतायेंगे कि बच्चेदानी में होने वाली गांठ के दौरान किस तरह का आहार लेना चाहिए और किस तरह का आहार नहीं।

बच्चेदानी में गांठ होने पर क्या खाएं?

रसौली की परेशानी होने पर आपको एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करने की जरूरत होती है। आप गांठ को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ हेल्दी आहार का चुनाव कर सकते हैं, जैसे –

आंवला खाएं
आंवला कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और विटामिन सी का अच्छा सोर्स होता है। इसके सेवन से रसौली की परेशानी को बढ़ने से रोका जा सकता है। नियमित रूप से आप खाली पेट आंवला का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप 1 चम्मच आंवले के जूस का भी सेवन कर सकते हैं। यह काफी प्रभावी हो सकता है।

हल्दी का सेवन करें
बच्चेदानी में होने वाली गांठ की परेशानी को दूर करने के लिए आप हल्दी का सेवन करें। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होते हैं, जो बच्चेदानी में होने वाली गांठ को बढ़ने से रोक सकते हैं।

ग्रीन टी पियें
बच्चेदानी की गांठ को कम करने के लिए आप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। इसमें एपीगेलाेकैटेचिन गैलेट नामक तत्व हाेता है, जो गांठ की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा यह स्वास्थ्य के लिए काफी तरह से हेल्दी हो सकता है।

बादाम खाएं
बच्चेदानी में होने वाली गांठ को कम करने के लिए बादाम का सेवन करें। बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जिससे यूट्रस की लाइगिंग को कम करने में मदद मिल सकती है। आप रोजाना 6 से 7 बादाम का सेवन कर सकते हैं।

इसके अलावा आप साबुत अनाज, हरी सब्जियां और फल जैसी चीजों को नियमित रूप से अपने आहार में जोड़ें। इससे बच्चेदानी की गांठ को कम करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।

बच्चेदानी की गांठ होने पर क्या न खाएं?

बच्चेदानी में गांठ की शिकायत होने पर आपको कुछ चीजों से दूरी बनाकर रखने की जरूरत होती है, जैसे –

  • मैदे का सेवन न करें
  • खट्टे फलों जैसे- संतरा, नींबू इत्यादि से दूरी बनाएं।
  • दालों में उड़द दाल का सेवन करने से बचें।
  • बैंगन जैसी चीजें न खाएं।
  • शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
  • पैकेज्ड फूड्स से दूरी बनाएं।
  • अधिक मात्रा में आलू न खाएं, इत्यादि।

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