Teeth Cleaning Tips: बड़े बुजुर्गों ने सही ही कहा है, अच्छी आदतें बचपन से डालना बहुत ज़रूरी है. और जब बात जब दांतों की हो तो बचपन की ही आदतें काम आती हैं. अगर आज आपके दांत कमज़ोर हैं. पीले पड़ चुके हैं. कीड़े लग गए हैं, तो इसके पीछे वजह बचपन में बरती लापरवाही है. बच्चे वो गलतियां न दोहराएं, ये देखना हमारा काम है. इसलिए बच्चों को अभी से उनके दांतों का ख़्याल रखना सिखाना बहुत ज़रूरी है.
बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना ही सबसे मुश्किल काम | Teeth Cleaning Tips
ये काम बहुत आसान नहीं है. रात में खाना खाने के बाद बच्चों से ब्रश करवाना सबसे मुश्किल काम है. उस पर उन्हें मीठा खाने से भी नहीं रोका जा सकता. टॉफी-चॉकलेट तो वो खाएंगे ही. मगर इससे उनके दांत न सड़ें, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. आज आपको बतायेंगे कि बच्चों को उनके दांतों का ख्याल रखना कैसे सिखाया जाए, मीठी चीज़ों से उनके दांत ख़राब होने से कैसे बचाएं, बच्चों में दांतों से जुड़ी आम समस्याएं क्या हैं, उनके लिए कैसा टूथपेस्ट खरीदें और मज़बूत दांतों के लिए सही डाइट क्या है.
बच्चों को ब्रश की आदत डलवाना बेहद जरूरी | Teeth Cleaning Tips
बच्चों के दूध के दांतों का ख़्याल रखना ज़रूरी है. इसलिए उन्हें ब्रश करने की आदत जितनी जल्दी डलवाएं, उतना अच्छा है. बच्चों के दांत निकलते ही उन्हें साफ करवाना शुरू कर दें. दो-ढाई साल की उम्र में ही बच्चों को कुल्ला करने जैसी आदतें डलवानी चाहिए. नवजात बच्चों के लिए फिंगर ब्रश भी आते हैं. इन्हें उंगली में पहनकर इस्तेमाल किया जा सकता है. दांत आने के बाद, 0 से 3 साल के बच्चों के लिए अलग-अलग कंपनियों के टूथब्रश आते हैं. इसी तरह 6 से 8 साल के बच्चों और एडल्ट्स के लिए टूथब्रश आते हैं. ब्रश ऐसा हो जो बच्चों के दांतों को पीछे तक साफ कर सके.
ज़ोर–ज़बरदस्ती करना सही नहीं | Teeth Cleaning Tips
अगर बड़ा ब्रश खरीदेंगे तो दांत सही से साफ नहीं होंगे. साथ ही, ब्रश के ब्रिसल्स को भी मुलायम होना चाहिए. अगर ये कठोर होंगे तो दांतों की बाहरी परत इनेमल को नुकसान पहुंचेगा. कई बार पैरेंट्स बच्चों को डांटकर ब्रश कराने की कोशिश करते हैं. लेकिन, हमारे इसी ज़ोर-ज़बरदस्ती करने की वजह से बच्चे ब्रश करने से डरने लगते हैं. इसलिए, माता-पिता बच्चे को पकड़कर ब्रश कराने की कोशिश न करें. दो-ढाई साल के बच्चों को पहले खुद से ब्रश करने को कहें. फिर बाद में माता-पिता ब्रशिंग खत्म कर सकते हैं.
मीठा खाने के बाद ब्रश या कुल्ला करने की आदत डालें | Teeth Cleaning Tips
बच्चे को मीठा खिलाना पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता. मीठी चीज़ें बच्चों को आसानी से मिल जाती हैं, इसलिए बच्चे को समझाना ज़रूरी है. अगर आप बच्चे को बिस्किट दे रहे हैं तो उसे एक बार में ही सारा खिलाएं. चार बिस्किट देना है तो दिन में चार बार न दें. अगर बच्चे को मीठा खाने का शौक है तो सारी शुगर एक बार में ही दें. अलग-अलग करके शुगर देंगे तो नुकसान ज़्यादा होगा. बच्चे को मीठा देना चाहते हैं तो लंच या डिनर के बाद दें. इसके बाद बच्चे को ब्रश या कुल्ला करवाएं.
कैविटी की समस्या से बच्चे को बचाएं | Teeth Cleaning Tips
बच्चों में सबसे ज़्यादा कैविटी की समस्या देखने को मिल रही है. इसे आम भाषा में दांत में गड्ढे होना कहते हैं. रिफाइंड शुगर खाने की वजह से कैविटी ज़्यादा हो रही है. दूसरा, मसूड़ों में खून आने की दिक्कत भी खूब हो रही है. बच्चे कई बार ब्रश करने से कतराते हैं. बहुत सारे टीनेजर्स भी ब्रश करने से बचते हैं. लिहाज़ा मसूड़ों से खून आने की समस्या ‘जिंजीवाइटिस’ काफी हद तक बढ़ गई है. कई बार बच्चे ब्रश को चबा लेते हैं. ऐसे में अगर आपके ब्रश के ब्रिसल्स फैलने लगें या घिस जाएं तो टूथब्रश बदलना चाहिए. वैसे आदर्श तौर पर 2 से 3 महीने में ब्रश बदल लेना चाहिए.
फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल कीजिए | Teeth Cleaning Tips
मार्केट में फ्लोराइड और बिना फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट आते हैं. बच्चों के लिए फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट ही लेना चाहिए. फ्लोराइड हमारे दांतों को नुकसान से बचाता है. जब भी टूथपेस्ट खरीदें तो फ्लोराइड की मात्रा ज़रूर चेक करें. अगर आप 0 से 3 साल के बच्चे के लिए टूथपेस्ट ले रहे हैं तो 450 से 500 पीपीएम फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट खरीदें. इससे ज़्यादा उम्र वालों के लिए 950 से 1000 पीपीएम फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट होना चाहिए.
बच्चे को बैलेंस्ड डाइट दें | Teeth Cleaning Tips
अपने बच्चे को बैलेंस्ड डाइट दें. उसमें फल, सब्ज़ियां, सीरियल्स और दालें होनी चाहिए. उसे दांतों को नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ें न दें. जैसे रिफाइंड शुगर, बिस्किट, केक, कैंडीज़. जो चीज़ें दांतों में बहुत ज़्यादा चिपकती हैं, उनसे परहेज़ करना बेहतर है. वहीं चीज़ दांतों के लिए बहुत अच्छा होता है. अगर आप बच्चे को चीज़ खाने के लिए देंगे तो वो दांतों को नुकसान से बचाएगा. बच्चों को कैल्शियम से भरपूर चीज़ें देनी चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भी पर्याप्त कैल्शियम लेना चाहिए क्योंकि बच्चे के दांत गर्भ में ही बनने शुरू हो जाते हैं.
कोल्ड ड्रिंक और सोडा जैसी चीज़ें दांतों को नुकसान पहुंचाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये बहुत ही एसिडिक होती हैं. आजकल टीनेजर्स और एक्सरसाइज़ करने वाले लोग हेल्थ ड्रिंक्स पीते हैं. इनसे दांतों को नुकसान पहुंचता है और दांत नष्ट होने लगते हैं. इसलिए अगर आप जूस, हेल्थ ड्रिंक्स या सोडा पीना चाहते हैं तो स्ट्रॉ से ही पिएं, ऐसा करने पर दांतों को नुकसान नहीं पहुंचेगा.