मौसम बदलने के साथ होने वाली बीमारियां जैसे फ्लू या सर्दी-खांसी के साथ बुखार, बदन दर्द और वायरल इंफेक्शन्स सर्दियों में भी काफी आम हैं। इस तरह की समस्याओं से राहत पाने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं खायी जाती हैं। लेकिन बच्चों को एंटीबायोटिक्स देने से पहले सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बिना सोचे-समझे बच्चों को एंटीबायोटिक्स खिलाने से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। जैसा कि बच्चे बार-बार और जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं और मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। कई बार डॉक्टर द्वारा बच्चों को भी एंटीबायोटिक दी जाती है लेकिन माता-पिता कई बार हल्के सर्दी-जुकाम जैसी स्थितियों में उन्हें एंटीबायोटिक देना शुरू कर देते हैं। पर इस तरह बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक खिलाना बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
बच्चों को एंटीबायोटिक दवाओं से साइड-इफेक्ट्स
एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस
एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक मात्रा में सेवन या ओवरडोज से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक खाने के बाद वह बेअसर हो जाती है। और संक्रमण या बीमारियों का इलाज एंटीबायोटिक्स की मदद से नहीं हो पाता।
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हेल्दी बैक्टेरिया को नुकसान
एंटीबायोटिक दवाएं खाने से शरीर में जो हेल्दी बैक्टेरिया मौजूद होते हैं वह भी डैमेज हो जाते हैं जिससे उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चों के विकास में समस्या
एंटीबायोटिक्स खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर द्वारा पोषक तत्वों का सही तरीके से इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है और इस तरह शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इससे बच्चे के डेवलपमेंट में दिक्कत हो सकती है।
कमजोर इम्यूनिटी
बच्चों की इम्यून पॉवर भी एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से प्रभावित होती है। इसीलिए अगर बच्चे ये दवाएं ज्यादा खाते हैं तो इससे बच्चे बीमारियों और संक्रमण की चपेट में जल्दी से आ जाते हैं और बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं।
डायरिया
एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याएं भी एंटीबायोटिक्स के अधिक सेवन से बच्चों में बढ़ सकती हैं।