बच्चों में आंखों के कैंसर की पहचान है कि बच्चों की आंखों में रोशनी पड़ने पर आंख की पुतली के बीचों-बीच सफेद झलक वाइट प्यूपिलरी रिफ्लेक्स दिखाई देती है। ऐसे बच्चों को तुरन्त नेत्र चिकित्सक को दिखाएं। रेटिनोब्लास्टोमा से पीडि़त बच्चों के भाई.बहनों की आंखों के पर्दों की जांच दवा डालकर करवाएं। आंख की पलक में होने वाले कैंसर सूर्य की पराबैंगनी, अल्ट्रावायलेटद्ध किरणों के लम्बे दुष्प्रभाव के कारण हो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्हें नेत्र कैंसर की फैमिली हिस्ट्री हैए वे भी आंखों के कैंसर से पीडि़त हो सकते हैं।
धूप से बचायें
आंख की पलकों के कैंसर से बचने के लिए धूप से बचें। धूप में जाते समय छाताए टोपीए काला चश्मा आदि का प्रयोग करें। यदि आंख में गहरे काले रंग के धब्बे दिखाई दें तो नेत्र चिकित्सक से सम्पर्क करें।
समय पर उपचार से बचाव
समय रहते नेत्र कैंसर का पता चलने पर उपचार संभव है। यदि समय रहते उपचार होता है, तो आंखें सही हो सकती है और इसकी गंभीरता भी खत्म हो सकता है। इसका उपचार ऑपरेशन, कीमोथैरेपी या फिर रेडियोथैरेपी के जरिए किया जाता है।
मेलानोमा रेटिनोब्लास्टोमा नामक आंखों के कैंसर का अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में बच्चों की आंखों की नियमित जांच करवाएं। खासकर जिन बच्चों के भाई बहनों को पहले से यह समस्या रही है, उन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।