स्वास्थ्य और बीमारियां

बच्चों में ये लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किये करवाएं चेकअप

किडनी की बीमारी बड़ों में काफी तेजी से बढ़ रही है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़ी गड़बड़ियों के कारण लोगों को किडनी स्टोन्स और किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, अब बच्चों में भी किडनी रोग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। किडनी की बीमारियों के बढ़ते खतरे और किडनी की देखभाल के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। यह दिन आमतौर पर मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार किडनी की बीमारियां बच्चों को कई तरीकों से प्रभावित करती हैं। इसमें कुछ समस्याएं कम गम्भीर तो कुछ बहुत गम्भीर और जानलेवा भी होती हैं। बच्चों में होने वाली कुछ कॉमन किडनी डिजीजेज और उनके लक्षणों के बारे में यहां बताया गया है –

बिस्तर गीला करने की आदत

कुछ बच्चे सोते समय बिस्तर गीला करते हैं। यह परेशानी बच्चों में किडनी से जुड़ी एक समस्यावेसिको यूरेटेरिक रिफ्लेक्स के कारण होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्राशय ठीक तरह से खाली नहीं हो पाता और पेशाब किडनी में वापस आ जाती है। इसी वजह से बच्चे को यूरीनरी ट्रैक्ट से जुड़े संक्रमण होने लगते हैं। इस स्थिति में धीरे-धीरे अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचता है और इस बीमारी में बच्चे को बार-बार बुखार आ सकता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार छोटे बच्चों और टॉडलर्स में यूरेटेरिक रिफ्लेक्स काफी कॉमन है। इस बीमारी का शुरूआती दौर में इलाज संभव है लेकिन अगर इसके लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो इससे आगे चलकर किडनी फेलियर का रिस्क बढ़ सकता है।

यूरेटेरिक रिफ्लेक्स के लक्षण

  • बार-बार पेशाब होना
  • रूक-रूककर पेशाब होना
  • तेज बुखार
  • पेशाब में झाग
  • पेट में दर्द (एक तरफ)

कुछ मामलों में यह समस्या जन्मजात हो सकती है। इसकी वजह से बच्चे की किडनी में सूजन हो जाती है। पेशाब ठीक तरह से पास ना होने की वजह से किडनियों में जमा होने लगती है और किडनी में दर्द और सूजन दिखायी देने लगती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button